दरअसल, चीन ने मंगलवार को अमरीकी विदेश विभाग ( US State Department ) की ओर से साउथ चाइना सी में चीन के दावों को खारिज करने वाले बयान का विरोध किया है। साथ ही चीन द्वारा अपने पड़ोसियों को धमकाने के आरोपों को भी पूरी तरह से अनुचित करार दिया है।
अमरीका में चीनी दूतावास ( Chinese Embassy ) ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि अमरीका सीधे तौर पर इस विवाद में शामिल देश नहीं है, लेकिन इस मुद्दे में दखल दिया है। आगे यह भी कहा है कि इस क्षेत्र में स्थिरता को कायम करने के बहाने अपनी ताकत को दिखाना क्षेत्र में टकराव और तनाव को बढ़ाता है।
चीन ने कहा कि अमरीका दक्षिण चीन सागर ( South China Sea ) में ताजा स्थिति के तथ्यों को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर और बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। अमरीका का यह बयान पूरी तरह से न्यायोचित नहीं है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है।
अमरीका ने चीनी दावों को किया खारिज
आपको बता दें कि साउथ चाइन सी पर लगतार गहराते संकट के बीच अमरीका ( America ) ने चीन पर शिकंजा कसते हुए अपनी कार्रवाई को और भी तेज कर दिया। अमरीका ने साउथ चाइना सी पर चीन के सभी दावों को खारिज करते हुए कई आरोप लगाए।
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( US Secretary of State Mike Pompeo ) ने कहा कि अमरीका चीन के अंतर्राष्ट्रीय मान्यता वाले समुद्री क्षेत्र के अतिरिक्त अन्य सभी समुद्री दावों को अवैध मानता है। इतना ही नहीं, अमरीकी विदेश विभाग की ओर से जारी एक बयान में य भी कहा गया कि चीन अपने पड़ोसी देशों को धमकाता है। अमरीका की ओर से इस तरह के बयान ऐसे समय पर आया है, जब दोनों देशों की सेनाएं साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास ( Maneuvers in South China Sea ) कर रही हैं और तनाव काफी बढ़ा हुआ है।
South China Sea में परमाणु हथियारों से लैस अमरीकी विमानों की तैनाती से China की बढ़ी बौखलाहट
ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ( Trump Administration ) ने साउथ चाइना सी में पड़ोसी देशों के प्रति चीन की बढ़ती आक्रामकता पर लगाम लगाने और अंतर्राष्ट्रीय कानून ( International law ) को मान्यता देने के लिए यह कदम उठाया है। माइक पोम्पियो ने कहा कि हम समुद्री स्वतंत्रता और संप्रभुता के सम्मान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ खड़े हैं। साथ ही दक्षिण चीन सागर या उसके बाहर ‘शक्ति ही सत्य बनाती है’ को लागू करने के किसी भी दुस्साहस को खारिज करते हैं।
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इस बात के स्पष्ट उदाहरण हैं कि चीन जिन इलाकों पर अपना दावा कर रहा है, उस पर कोई भी देश कानूनी तरीके से दावा नहीं कर सकता है।’