चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में एक चीनी विशेषज्ञ के हवाले से बताया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने डोनाल्ड ट्रंप के G7 का विस्तार करके G11 या G12 करने के पहल का सकारात्मक जवाब दिया है। चीन ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि यदि भारत G7 के विस्तार में शामिल होने की कोशिश कर आग से खेल रहा है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अमरीका ( America ) भारत को G7 में शामिल कर चीन की घेराबंदी करने की कोशिश में है। G7 का विस्तार भूराजनैतिक गणित पर आधारित है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसके अलावा भारत अमरीका की इंडो-पैसफिक ( Indo-Pacific ) रणनीति का भी एक अहम कड़ी है। ऐसे में अमरीका चीन को इंडो-पैसफिक क्षेत्र में संतुलित करने के लिए भारत की भूमिका को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
मोदी सरकार में बदला भारत का रवैया
अखबार में इस बात पर जोर देकर कहा गया है कि मोदी सरकार ( Modi Government ) के दूसरे कार्यकाल में भारत का रवैया चीन को लेकर बदल गया है। ट्रंप की योजना पर पीएम मोदी का सकारात्मक जवाब देना आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि भारत लंबे समय से महाशक्ति बनने की महत्वकांक्षा रख रहा है और बड़े अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भागीदारी करने की इच्छा भी रखता है।
ऐसे में अब जब ट्रंप ने भारत के सामने एक विकल्प रखा है तो मोदी इस गवांना नहीं चाहते हैं और अमरीका के G7 विस्तार के विचार का समर्थन देकर चीन को संदेश भी भेजना चाहता है। रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान भारत ने ऐलान किया था कि वे अपने संबंधों को ‘व्यापक वैश्विक रणनीतिक भागीदारी के स्तर’ तक ले जाएंगे। यही कारण है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमरीका के साथ Quadrilateral Strategic Dialogue में अपनी भागीदारी बढ़ा दी है।
भारत-चीन में बिगड़ सकते हैं रिश्ते
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में ये कहा है कि यदि भारत अमरीका के किसी फैसले पर हड़बड़ी में आकर कोई निर्णय लेता है जो कि चीन के खिलाफ हो, तो ऐसे में भारत-चीन के रिश्ते बिगड़ सकते हैं। G7 जैसे छोटे से समूह में शामिल होना भारत के हित में नहीं है। वर्तमान समय में भारत-चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध पहले ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। चीन और भारत के बीच संबंध इस स्तर तक खराब हो चुके हैं कि केवल शीर्ष स्तर के नेता ही आगे की प्रगति का रास्ता तय कर सकते हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत एक बड़ी शक्तिशाली देश का दर्जा हासिल करने के लिए अमरीका की मदद चाहता है, वहीं इसके बदले में भारत अमरीका के इंडो पैसफिक रणनीति को लागू करने के लिए तैयार है।
ये आरोप लगाया गया है कि चीन को घेरने के लिए अमरीका की कई योजनाओं में भारत की सक्रिय भूमिका है। कोरोना महामारी के प्रभाव से निकलकर चीन आगे बढ़ता है और अमरीका नीचे आता है तो ऐसे में चीन को घेरने के लिए भारत अमरीका की पूरी तरह से साथ देगा।