उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपनी समस्याओं के राजनीतिक समाधान का आह्वान किया। उन्होंने अंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन पुलिस प्रणाली और कानून व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है। इसके बावजूद हमें हिंसा का सहारा लेने वालों की निंदा करनी चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हम विरोध करके जनता को जागरूक कर सकते हैं। इसके साथ अन्याय पर रोशनी डाल सकते हैं। आकांक्षाओं को विशिष्ट कानूनों और संस्थागत प्रथााओं में तब्दील करना होगा। उन्होंने लोगों से अपील की वे अपनी मांग पुलिस सुधार पर अड़े रहें।
इससे आने वाली पीड़ी को सुविधा मिल सकेगी। जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमरीका को भारी विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है। राज्य भर में लगभग चार हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि मिनियापोलिस शहर में पुलिस हिरासत में 46 वर्षीय अफ्रीकी अमरीकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई। 25 मई से यहां पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना के उपयोग के संकेत वहीं अमरीका में जारी नस्लीय हिंसा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना के इस्तेमाल के संकेत दिया है। ट्रंप ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि इस तरह का प्रदर्शन किसी तरह से न्यायसंगत नहीं हो सकता। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए और देश की संपत्ति की रक्षा के लिए वाशिंगटन में हजारों सशस्त्र बलों के साथ सेना की तैनाती करेंगे।