कई देश को वैक्सीन के आखिरी फेज में भी है। ऑस्ट्रेलिया में भी कोरोना की रोकथाम के लिए एक वैक्सीन विकसित की जा रही थी, जिसका बीते दिनों क्लिनिकल ट्रायल किया गया लेकिन शुरुआती चरण में कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से वैक्सीन पर रोक लगा दी गई।
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दिखने लगे HIV के लक्षण
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में विकसित कोरोनावायरस वैक्सीन वी451 COVID-19 वैक्सीन ट्रायल में शामिल प्रतिभागियों के कुछ एचआइवी संक्रमण के लक्षण दिखने लगे। जबकि उनके ब्लड सैंपल में इसके वायरस नहीं पाए गए। रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन लेने के बाद कुछ प्रतिभागियों के शरीर में (HIV) के लिए ऐंटीबॉडी बनने लगा था।
वैक्सीन पर लगी रोक
इस वैक्सीन को क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी (UQ) और बायोटेक फर्म CSL विकसित कर रहा था। लेकिन इस गड़बड़ी के बाद वैक्सीन का ट्रायल अभी रोक दिया गया है।ऑस्ट्रेलियाई स्टॉक एक्सचेंज के मुकाबिक ये वैक्सीन उन चार वैक्सीन में से एक थी जिसे ऑस्ट्रेलिया खरीदने की तैयारी कर रही थी और इसलिए 51 मिलियन डोज भी ऑर्डर कर दिया था। लेकिन इस खबर के सामने आने के बाद इसे रद्द कर दिया गया है।
सावधानी के साथ काम कर रही सरकार
इस वैक्सीन के ट्रायल रद्द् होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल रोका जाना दिखाता है कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार और अनुसंधानकर्ता बहुत सावधानी के साथ काम कर रहे हैं।मॉरिसन ने कहा, ‘आज जो हुआ उससे सरकार को हैरानी नहीं हुई। हम बिना किसी जल्दबाजी के संभल कर चलना चाहते हैं।’
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90 प्रतिशत वैक्सीन हो जाती हैं फेल
वहीं इस बारे में ऑस्ट्रेलियन नैशनल यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग के विशेषज्ञ संजय सेनानायके कहते हैं कि ये खबर निराशाजनक है लेकिन ये बहुत आम बात है। आम तौर पर करीब 90 प्रतिशत वैक्सीन कभी बाजार तक नहीं पहुंच पाती। बता दें ऑस्ट्रेलिया में अबतक 28,012 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 908 लोग की इस महामारी की वजह से जान जा चुकी है। हालांकि अच्छी बात ये है कि 25,465 से अधिक लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।