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विपक्षी दल को बड़ी जीत की उम्मीद
जहां एक ओर सत्ताधारी दल को वापसी की उम्मीद है, वहीं विपक्षी दल लेबर पार्टी को भी विश्वास है कि इस बार वे सत्ता में जरूर वापसी करेंगे। लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टन ने चुनाव में कई मुद्दों को उठाया है, जिसमें शिक्षा नीति, अर्थव्यवस्था, रोजगार और जलवायु परिवर्तन का मुद्दा व्यापक तौर पर शामिल है। मौजूदा समय में जलवायु परिवर्तन को लेकर पूरे ऑस्ट्रेलिया में लोगों में नाराजगी देखने को मिल रहा है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में मतदान करना अनिवार्य है, यदि कोई व्यक्ति मतदान नहीं करता है तो उसे जुर्माना लगाया जाता है। मालूम हो कि ऑस्ट्रेलिया में हर तीन साल में आम चुनाव होते हैं। लेकिन 2007 के बाद से अब तक ऐसा एक बार भी नहीं हुआ कि किसी प्रधानमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा किया हो। ज्यादातर मामलों में पार्टी के अंदुरुनी कलह के कारण पीएम तो इस्तीफा देना पड़ा है।
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पीएम स्कॉट मौरिसन के लिए शुभ संकेत नहीं
चुनाव से पहले सर्वे में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि ऑस्ट्रेलिया की जनता इस बार बदलाव चाहती है। लिहाजा पीएम स्कॉट मौरिसन के लिए शुभ संकेत नहीं है। सर्वें में यह दिखाया गया है कि इस बार की जनता देश की गिरती अर्थव्यवस्था, लोगों के जीवन-स्तर में गिरावट, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर वोट कर रही है। विपक्षी लेबर पार्टी की ओर से इन्ही तमाम मुद्दों को लेकर चुनाव प्रचार किया गया है। ऐसे में संभावना ज्यादा है कि सत्ताधारी दल के लिए थोड़ी मुश्किलें बढ़ सकती है। हालांकि अंतिम परिणाम तो चुनाव नतीजों के बाद ही तय होगा। चुनाव परिणाम रविवार को घोषित किए जाएंंगे।
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