रोलर स्केट्स पहनकर 30 सेकंड में 147 बार रस्सी कूदना आसान नहीं है। इस दौरान फिसलने का खतरा सबसे अधिक होता है। अगर आपका पैर फिसलता है तो आप गिर सकते हो। आपको चोट भी लग सकती है। जेरावर ने कठिन मेहनत के बल पर इसे संभव कर दिखाया है। जोरावर सिंह पहले डिस्कस थ्रोअर (discus thrower) बनना चाहते थे। मगर एक हादसे के कारण वे ऐसा नहीं कर सके।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड जीतने वाले जोरावर ने बताया कि जब वे 13 साल के थे, तो उन्होंने डिस्कस थ्रोअर के रूप में प्रतिस्पर्धा की। इस दौरान ट्रेनिंग करते समय वे दुर्घटना का शिकार हो गए। डॉक्टरों ने जोरावर को कई महीनों तक आराम करने की सलाह दी। मगर केवल एक सप्ताह के आराम करने के बाद वह अपनी फिटनेस के लिए स्किपिंग करने लगे। ट्रेनिंग के समय उन्हें ख्याल आया कि क्यों न इसकी प्रतिस्पर्धा में भाग लिया जाए। उन्होंने पहले राष्ट्रीय चैंपियनशिप और फिर दक्षिण एशियाई चैंपियनशिप में जीत हासिल की।
साल 2016 में वर्ल्ड जंप रोप चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए जोरावर ने पुर्तगाल की यात्रा की। प्रतियोगिता से एक दिन पहले वह बीमार पड़ गए, इसके कारण वे चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से पहले उन्होंने कई खिलाडियों के मैच देखे और इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी। अपना पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड खिताब हासिल करने के बाद जोरावर काफी उत्साहित हैं। वे और भी कई रिकॉर्ड तोड़ने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
जोरावर सिंह ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड पाने के बाद एक इंटरव्यू में कहा कि ऐसा कोई विशिष्ट शब्द नहीं है जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर का वर्णन कर सके। इस तरह का रिकॉर्ड बनाने के लिए वर्षों की कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसके लिए कड़ी मेहनत और त्याग की जरूर होती है।