1. इस दिन बच्चे खुद बन जाते हैं टीचर्स स्कूल में बच्चे हर रोज किसी न किसी बातों को लेकर प्रिंसिपल और टीचर्स की डांट सुनते हैं। टीचर्स हमेशा उनसे अनुशासन में बने रहने को कहते हैं। लेकिन इस दिन टीचर्स को खुद उसी भूमिका में होते हैं। उन्हें इस दौरान एक शिक्षक के काम की अहमियत का अहसास होता है। साथ ही एक शिक्षक की तरह उन्हें भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है।
2. प्ले और डिबेट भाग लेकर देते हैं सीख हैप्पी टीचर्स डे ( Happy Teacher’s Day ) के दिन सभी स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं। इन कार्यक्रमों में बच्चे शिरकत करते हैं। समाज में टीचर्स की भूमिका के बारे में बताते हैं। समस्याओं से पार पाने की चर्चा करता है। एक बेहतर समाज कैसा हो, जैसे विषयों पर अपने विचार सभी के सामने रखते हैंं। इसके अलावा बेहतर नागरिक बनने क तरीके भी बताते हैं।
3. खुद की भूमिका का होता है अहसास माता-पिता एक बच्चे को जन्म देते हैं, जबकि शिक्षक उस बच्चे के व्यक्तित्व को आकार देते हैं। शिक्षक एक बच्चे को अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते हैंं। यह काम कितना गंभीर और चुनौतीपूर्ण होता है, इस बात का अहसास बच्चों को स्कूलों में होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से होता है। ऐसा करते वक्त उन्हें पता चलता है कि टीचर्स हमें अनुशासन में रहने, समय का पाबंद होने और सभी काम सही तरीके से समय पर करने की सीख क्यों देते हैं?
4. बच्चों के लिए फन डे दरअसल, हैप्पी टीचर्स डे स्कूलों में केवल सेमिनार, डिबेट व शिक्षा से जुड़ी गतिविधियों तक सीमित नहीं होता। इस दिन बच्चे प्ले, खेल प्रतियोगिता, डांस व अन्य गतिविधियों में भी भाग लेते हैं। साथ ही रूटीन क्लास से उन्हें छूट मिलती है। इससे बच्चे में होम वर्क की चिंता से भी मुक्त होते हैं। यही वजह है कि बच्चे चिंतामुक्त होकर इस अवसर पर को खुलकर एंज्वॉय करते हैं।