पूर्व में सरकार ने दूसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को मुफ्त टीके का कहा था पर संख्या अधिक होने के कारण इसे बढ़ाकर 60 वर्ष से अधिक कर दिया।
आइसीएमआर के पूर्व महानिदेशक एनके गांगुली ने कहा है कि निजी क्षेत्र को कोरोना टीकाकरण अभियान में शामिल करना अच्छा कदम है। हमारे यहां टीका बनाने से ले कर उन्हें लगाने तक में निजी क्षेत्र काफी समय से सक्रिय रहा है। कोरोना के संबंध में भी विभिन्न दूसरे देशों में ऐसा किया जा रहा है। प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम के पास ढांचागत सुविधा है और वे मुख्य जगहों पर स्थित भी हैं। जो लोग अपने खर्च से लगा सकते हैं अगर वे प्राइवेट सेक्टर में जाएंगे तो सरकार जरूरतमंद लोगों की ज्यादा मदद कर पाएगी। अब चूंकि 27 करोड़ की बड़ी आबादी तक पहुंचना है तो इसके लिए भी इनकी जरूरत होगी। लोगों को भी ज्यादा विकल्प मिलेंगे। आने वाले समय में जब एक साथ चार-पांच टीके एक साथ आ जाएंगे तब भी यह ढांचागत सुविधा काम आएगी।
कौन से दस्तावेज जरूरी?
आधार और मतदाता पहचान पत्र जरूरी होंगे। को-विन ऐप पुष्टि करेगा। को-मॉर्बिड श्रेणी में कौन?
फिलहाल सरकार ने स्पष्ट नहीं किया। लेकिन डायबिटीज, हाइपर टेंशन, कैंसर, किडनी और ह्रदय रोगी शामिल हो सकते हैं।
मतदाता पहचान पत्र में दर्ज जन्मतिथि के हिसाब से गणना होगी। जिला कलक्टर के पास होंगे अधिकार क्या जगह और टीका लगवाने के समय के चयन का विकल्प होगा?
जी हां, को-विन ऐप पर रजिस्ट्रेशन के बाद आपको जगह और टीका लगवाने के चयन का विकल्प होगा
जी हां, कहीं भी टीका लगवाने का विकल्प। यानी वर्तमान में राजस्थान में रहने वाला मध्यप्रदेश का व्यक्ति राजस्थान में टीका लगवा सकेगा।