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पश्चिम बंगाल में 81 हजार 244 लोग भीख मांग कर अपना पेट भरने को मजबूर है।यहां पुरुषों के मुकाबले भीख मांगने वाली महिलाएं अधिक हैं। राज्य में 48158 महिलाएं भीख मांगती हैं जबकि पुरुष भिखारियों की संख्या 33 हजार 86 है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने राज्यसभा में बताया कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार, देशभर में कुल 4,13,670 भिखारियों की संख्या है, जिसमें 2,21,673 पुरुष और 1,91,997 महिला भिखारी हैं। सबसे ज्यादा 81,244 भिखारी पश्चिम बंगाल में हैं। इसमें कम भिखारी के मामले में लक्षद्वीप है, जहां सिर्फ 2 भिखारी हैं।
आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल 81,224 भिखारियों के साथ शीर्ष पर है। वहीं उत्तर प्रदेश में 65,835 भिखारी, आंध्र प्रदेश में 30,218, बिहार में 29,723, मध्य प्रदेश में 28,695, राजस्थान में 25,853, दिल्ली में 2,187 भिखारी हैं जबकि चंडीगढ़ में केवल 121 भिखारी हैं।
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पूर्वोत्तर के राज्यों कि बात करें तो सिक्किम में 68, अरुणाचल प्रदेश में 114, नागालैंड में 124, मणिपुर में 263, मिजोरम में 53, त्रिपुरा में 1490, मेघालय में 396 और असम में 22,116 भिखारी हैं।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार सबसे कम भिखारी लक्षद्वीप में हैं। यहां इनकी संख्या मात्र 2 है।वहीं दादरा और नगर हवेली में 19, दमन और दीव में 22 और अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह में 56 भिखारी हैं।