इसके पीछे जो वजह बताई जा रही है वो बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव है। इसी के चलते कुछ स्थानों पर नवंबर के महीने में भी बारिश के आसार बने हुए हैं।
हालांकि उत्तर भारत में भी पिछले डेढ महीने में बारिश ने इक्का-दुक्का इलाकों को छोड़कर खास असर नहीं दिखाया है। वहीं राजधानी दिल्ली से भी प्रदूषण का खतरा अब कम होने के आसार बन रहे हैं। इसके पीछे बड़ी वजह हवाओं की गति को बताया जा रहा है। हवाएं बढ़ने से प्रदूषण से राजधानीवासियों को जल्द राहत मिलेगी।
आईएमडी के मुताबिक सोमवार यानी 2 नवंबर को असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अच्छी बारिश के आसार हैं। खास बात यह है कि इन राज्यों में बारिश के साथ-साथ तेज हवाएं भी चलेंगी।
उत्तराखंड में मौसम ने बड़ी करवट ली है। यहां केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम पर सीजन की पहली अच्छी बर्फबारी से पारा तेजी से लुढ़का है। केदारनाथ में बर्फबारी के बीच कुछ देर बूंदाबांदी भी हुई इससे मैदानी इलाकों में सर्द हवाएं चलने लगीं।
हिमाचल प्रदेश में भी लाहौल स्पिति में हुए हिमपात ने मौसम बदल कर रख दिया। कई इलाकों में तापमान तेजी से लुढ़का है। इसका असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दिखने लगा है।
मौसम विभाग के मुताबिक जल्द ही दिल्ली में वायु प्रदूषण से राहत मिलने के आसार बन रहे हैं। इसके पीछे हवाओं गति बढ़ना बताया जा रहा है। दरअसल स्थिर हवा के चलते पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ रही थी। ऐसे में कोरोना संकट के बीच खराब हवा लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक बनती जा रही थी।