मौसम विभाग के मुताबिक यह चक्रवात 17 मई से बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तट की तरफ बढ़ेगा जो 18 मई यानी सोमवार को गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। मछुआरों को 18 से 20 तारीख तक ओडिशा और बंगाल के तटों पर समंदर के किनारे न जाने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा जो मछुआरे समंदर तट पर मौजूद हैं उन्हें भी लौटने को कहा गया है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात के दौरान हवाओं की रफ्तार 115 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। इस दौरान कुछ जगहों पर मध्यम और कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
चक्रवात अम्फान के खतरे के मद्देनजर रविवार को ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम तैनात कर दी गईं। इस बीच ओडिशा ने कहा कि वह इस चक्रवात से बुरी तरह से प्रभावित होने वाले 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयार है।
Economic Package : पशुपालन विकास पर मोदी सरकार मेहरबान, 28,343 करोड़ का ऐलान एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने नई दिल्ली में कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रविवार सुबह की एक रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात अम्फान बंगाल की खाड़ी में एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है और संभवत: अगले 24 घंटों में यह अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
एसएन प्रधान ने कहा कि इसका पथ मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, सागर द्वीप समूह और शायद बांग्लादेश की ओर है। लेकिन हमें इस पर करीबी नजर रखनी होगी। एनडीआरएफ ने समय रहते अपनी टीम तैनात कर दी हैं। चक्रवाती तूफान के भारतीय तट की ओर बढ़ने के चलते ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है।
कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जीके दास ने बताया कि यह तूफान 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान के तौर पर पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीप समूह के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है।
Weather Forecast : राजस्थान में सताएगी गर्मी, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के आसार बता दें कि पिछले साल चक्रवात फोनी सहित कई चक्रवातों का सामना कर चुके ओडिशा ने खतरे वाले इलाकों से 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। विशेष राहत आयुक्त पीके जेना ने यह जानकारी दी। राज्य के 12 तटीय जिले गंजम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़– हाई अलर्ट पर हैं।
जेना ने बताया कि 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात आश्रय केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 242 का अभी चिकित्सा शिविर के रूप में उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा जो लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से लौटे हैं। जेना ने कहा कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की स्थिति में हमारे पास 567 चक्रवात एवं बाढ़ राहत आश्रय केंद्र उपलब्ध हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर 7,092 इमारतों का भी इंतजाम किया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है।
पश्चिम बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के तटवर्ती इलाके में आने वाले चक्रवाती तूफान अम्फान का आंशिक असर झारखंड में भी दिखेगा। रांची मौसम विज्ञान के निदेशक डॉ. एसडी कोटाल ने बताया कि झारखंड में अम्फन तूफान का ज्यादा असर नहीं होगा। ओडिशा से सटे प्रदेश के पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां एवं सिमडेगा जिले में अम्फन की वजह से तेज हवा के साथ मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है।