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– पीएम मोदी ने समुद्री सुरक्षा के लिए 5 बुनियादी सिद्धांत पेश किए। उन्होंने कहा कि मैं आप के समक्ष पांच मूल सिद्धांत रखना चाहूंगा।
– पहला सिद्धांत: हमें legitimate maritime trade से barriers हटाने चाहिए। हम सभी की समृद्धि maritime trade के सक्रिय flow पर निर्भर है। इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं।
– दूसरा सिद्धांत: maritime disputes का समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए। आपसी trust और confidence के लिए यह अति आवश्यक है। इसी माध्यम से हम वैश्विक शान्ति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।
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– तीसरा सिद्धांत: हमें प्राकृतिक आपदाओं और non-state actors द्वारा पैदा किए गए maritime threats का मिल कर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम लिए हैं।
– चौथा सिद्धांत: हमें maritime environment और maritime resources को संजो कर रखना होगा। जैसा कि हम जानते हैं, Oceans का climate पर सीधा impact होता है। इसलिए, हमें अपने maritime environment को plastics और oil spills जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा।
– पांचवा सिद्धांत: हमें responsible maritime connectivity को प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसे infrastructure projects के development में देशों की फिस्कल sustainability और absorption capacity को ध्यान में रखना होगा।
– संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक(समुद्री सुरक्षा बढ़ाने) पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आज आतंकी घटना और समुद्री लुटेरों के लिए समंदर के रास्तों का इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए हम इस विषय को सुरक्षा परिषद के पास लेकर आए हैं।
– समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के आधार पर होना चाहिए। हमें समंदर से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रिया सहयोग बढ़ाने पर भारत ने कई कदम उठाए हैं।
– पीएम मोदी ने कहा कि समंदर हमारी साझा धरोहर है, हमारे समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रेड की लाइफलाइन है और सबसे बड़ी बात ये है कि समंदर हमारे Planet के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
– प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना” पर एक उच्च स्तरीय खुली बहस की अध्यक्षता कर रहे हैं। सत्र की शुरुआत कोरोना महामारी में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखकर की गई।
– समुद्री सुरक्षा पर UNSC की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल विश्व समुद्री दिवस पर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने महामारी के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में नाविकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला था। मुझे उम्मीद है कि परिषद ऐसे विचारों को और आगे बढ़ाएगी।
– विदेश मंत्रालय के मुताबिक, समुद्री क्षेत्र में अपराध और सुरक्षा को कम करने के साथ-साथ आपसी तालमेल बढ़ाने को लेकर UNSC की बैठक में चर्चा की जाएगी। UNSC की इस बैठक में कई देशों के राष्ट्र प्रमुखों, सरकारों के प्रतिनिधियों, यूएन के वरिष्ठ पदाधिकारी के अलावा अनेक क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
– समुद्री सुरक्षा को लेकर कई बार UN में प्रस्ताव पारित किए गए हैं। लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब इस विषय पर व्यापक बहस के लिए एजेंडा में रखा गया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने हमेशा ये कहा कि कोई भी देश समुद्री सुरक्षा को लेकर अकेले निर्णय नहीं ले सकता है। लिहाजा, ये जरूरी है कि इस विषय पर व्यापक तरीके से चर्चा करने और सहमति बनाई जाए।
– अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में शामिल होंगे। ब्लिंकेन इस बैठक में वर्चुअली हिस्सा लेंगे।