सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में जानकारी दी गई है कि धर्मेंद्र चतुर की नियुक्ति कुछ हफ्ते पहले ही ट्विटर इंडिया ने नए आईटी नियमों के पालन के लिए की थी। अब ट्विटर ने धर्मेंद्र के इस्तीफे के बाद अपने वेबसाइट से इनका नाम हटा दिया है। चूंकि भारत के नए आईटी नियम के मुताबिक ऐसा करना जरूरी है। इस पूरे मामले पर ट्विटर ने कोई भी टिप्पणी करने से फिलहाल इनकार किया है।
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ट्विटर के शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर का इस्तीफा काफी अहम है, क्योंकि यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब सरकार और ट्विटर के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। नए नियमों को पालन न करने को लेकर सरकार ने बीते दिनों ट्विटर को कड़ी फटकार भी लगाई थी।
रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर का अकाउंट हुआ था सस्पेंड
आपको बता दें कि एक दिन पहले केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस नेता शशि थरूर का ट्विटर अकाउंट एक घंटे के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। ट्विटर ने शुक्रवार को अमरीकी कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्विटर अकाउंट को एक घंटे के लिए ब्लॉक किया था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद दोनों के अकाउंट को बहाल कर दिया गया।
कांग्रेस नेता और आईटी पर संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने रविशंकर प्रसाद के ट्वीट को साझा करते हुए लिखा, ”रवि जी मेरे साथ भी यही हुआ। डीएमसीए हाईपर एक्टिव हो रहा है। ट्विटर की ओर से इस ट्वीट को हटा दिया गया, क्योंकि इस वीडियो पर बोनीएम सॉन्ग ”Rasputin” का कॉपीराइट है।” शशि थरूर ने #DanceIsNotJihad के साथ बताया कि उनका अकाउंट को अनलॉक कर दिया गया है।
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इस पूरे मामले पर शशि थरूर ने कहा, ”सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन के तौर पर मैं कह सकता हूं कि हम ट्विटर इंडिया से रविशंकर प्रसाद और मेरा अकाउंट ब्लॉक करने और भारत में संचालन के नियमों और प्रक्रिया पर सफाई मांगेंगे।”
इससे पहले इसी महीने के शुरुआत में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट से ट्विटर ने ब्लू टिक हटा दिया था, जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ। हालांकि बाद में ट्विटर ने सफाई देते हुए ब्लू टिक को बहाल कर दिया था।
क्या है नया आईटी नियम?
बता दें कि इसी साल 25 मई से पूरे देश में नया आईटी नियम लागू किया गया है। इस नियम के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर्स या पीड़ितों के किसी भी तरह की शिकायत के समाधान के लिए एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना जरूरी है। साथ ही 50 लाख से अधिक यूजर्स वाली तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इन शिकायतों से निपटने के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना जरूरी है, जिसका नाम और कॉन्टेक्ट डिटेल्स सरकार के साथ साझा करना अनिवार्य है।
सरकार ने कहा है कि नए नियम सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को मजबूत बनाने के लिए तैयार किया गया। इस नियम लागू होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दुर्व्यवहार के शिकार यूजर्स को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एक मंच मिला है। बता दें कि नए नियम को लागू करने के लिए सरकार ने तमाम सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महीने का समय दिया गया है।
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इस नियम के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत स्थित शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य है। इस नियम के लागू होने से यूजर्स को एक ताकत मिली है। इससे पहले, उपयोगकर्ताओं के पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के किसी भी दुरुपयोग या दुरुपयोग के मामले में शिकायत दर्ज करने का कोई रास्ता नहीं था।