परमाणु क्षमता वाली के-4 मिसाइल का अंडरवाटर परीक्षण सफल जनवरी में सुनवाई के लिए व्यक्त की थी सहमति इससे पहले शीर्ष अदालत ने दो जनवरी, 2018 को केंद्र की ओर से अधिसूचित चुनावी बांड योजना पर रोक लगाने के लिए दायर की गई याचिका पर जनवरी 2020 में सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश हुए एडवोकेट प्रशांत भूषण ने प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी। उन्होंने कहा कि यह आवेदन इलेक्टोरल बांड योजना पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य प्राधिकरणों की आपत्तियों ऑन रिकॉर्ड पेश करता है, जिसे सरकार ने नजरअंदाज कर दिया था और हाल ही में एक आरटीआई आवेदन के माध्यम से खुलासा किया गया है।
सीएए मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार, राज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगा एकत्र किए गए थे साइ करोड़ रुपए भूषण ने जोर देकर कहा कि इस योजना के तहत लगभग 6,000 करोड़ रुपए एकत्र किए गए थे, जिसे आरबीआई और चुनाव आयोग ने लाल झंडी दिखाई थी।