महाराष्ट्र: पुणे में छात्रों से बातचीत करेंगे राहुल गांधी, सवालों का देंगे जवाब
उत्तराखंड में आज पीएम मोदी, देहरादून में जनसभा को करेंगे संबोधित
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में बताया गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से सियासी दलों की फंडिंग की पारदर्शिता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि चुनाव आयोग ने कोर्ट में दाखिल किए अपने हलफनामे में 2017 में कानून मंत्रालय को भेजी अपनी राय पर ही अडिग रहने का निर्णय लिया है। याचिका में चंदा देने वाले की पहचान न होने और नॉन-प्रॉफिट कंपनियों को भी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने की इजाजत पर आशंका व्यक्त की गई है।
राजशाही परिवार के ताने पर प्रियंका का कटाक्ष, दादी इंदिरा ने ही हटाईं थी राज घरानों की सुविधाएं
आपको बता दें कि सरकार यह बॉन्ड इसलिए लेकर आई थी कि इससे राजनीतिक पार्टियों को होने वाली फंडिंग में पारदर्शिता आएगी। इससे राजनीति में साफ-सुथरा धन आएगा। लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अनुकूल परिणाम देखने को नहीं मिला है।