विनोद दोस्तों में काफी लोकप्रिय और अच्छे क्रिकेटर थे ऐसे शुरू हुई प्रेम कहानी
दोनों उसे सुलझाने के दौरान साथ आए
दूसरे का मामला सुलझाते हुए खुद आए करीब नहीं कर पाती थीं विनोद से बातें शीला दीक्षित अंतर्मुखी स्वभाव की थीं
विनोद का स्वभाव हंसमुख और बहिर्मुखी था
एक दिन घंटे भर के लिए बस पर विनोद के साथ किया सफर
चाहती थीं दिल की बात शेयर करना
शीला के मुताबिक, उनकी शादी की बात बस में हुई थी
फाइनल ईयर एग्जाम से पहले का है किस्सा
परीक्षा के एक दिन पहले विनोद ने किया प्रपोज
चांदनी चौक के पास विनोद ने शीला से कहा
‘आज मां को बताऊंगा कि मैंने शादी के लिए लड़की चुन ली है’
शीला ने पूछा, ‘क्या तुमने उस लड़की से दिल की बात पूछी है?’
विनोद ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘नहीं, लेकिन वह लड़की बस में मेरी सीट के आगे बैठी है।’
माता-पिता शादी को लेकर चिंता में थे
चिंता की वजह विनोद का उस वक्त स्टूडेंट होना था
बात आई-गई हो गई और वक्त बढ़ने लगा
इसके बाद शीला ने एक नर्सरी स्कूल में 100 रुपये की नौकरी की
विनोद दीक्षित ने आईएएस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी
विनोद का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया
इसके बाद दोनों की शादी की बात आगे बढ़ी
विनोद ने शीला को अपने परिवार से मिलाया
काफी उतार-चढ़ाव के बाद 11 जुलाई 1962 को हुई दोनों की शादी