इस मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते ही लोगों की मौत हुई है। जबकि असप्ताल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
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रेमडेसिविर की किल्लत, इंजेक्शन के लिए सूरत में BJP ऑफिस के बाहर लगी लंबी कतार देशभर में कोरोना संकट के बीच एक तरफ दवाइयों की कमी ने बड़ा संकट खड़ा कर दिया। पहले वैक्सीन की कमी, फिर रेमडेसिविर की कमी और अब कई जगहों से ऑक्सीजन की कमी की बातें भी सामने आ रही हैं।
खास बात यह है कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मुंबई के ही एक अस्पताल में सात लोगों को मौत की बात भी सामने आई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने मौत की वजह ऑक्सीजन को नहीं बल्कि अन्य कारणों को बताया है।
अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा, ‘इस अस्पताल में सिर्फ गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को एडमिट किया जाता है, जिन मरीजों की मौत हुई है, वह उम्र या किसी और बीमारी से पीड़ित थे।’ यानी ऑक्सीजन की कमी से मौत के दावे को अस्पताल प्रबंधन ने खारिज कर दिया है।
वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि परिजन अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करवाना चाहते हैं तो वे कर सकते हैं। पुलिस इंस्पेक्टर राजेंद्र कांबले के मुताबिक ‘ऑक्सीजन की सप्लाई सुबह 3 बजे की गई थी। मृतकों के परिजनों की अस्पताल प्रशासन से बिल को लेकर बहस हुई थी।
आपको बता दें कि नालासोपारा के जिस अस्पताल में यह घटना घटी है। यह इलाके का एकमात्र अस्पताल है, जहां पर गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है। यह भी पढ़ेँः
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नालासोपारा की घटना के बाद विधायक क्षितिज ठाकुर भी आगे आए हैं। उन्होंने ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। ठाकुर ने एक ट्वीट किया।
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- प्रधानमंत्री इस गंभीर विषय पर तत्काल ध्यान दें। नालासोपारा में महज कुछ घंटों के लिए ही ऑक्सिजन बची हुई है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती मरीजों की जान को काफी खतरा है।
मुंबई अकेला नहीं जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान गई है। नासिक में भी एक दिन पहले दो मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर और अहमदाबाद से भी इस तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं।