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आईसीएमआर की ओर से बताया गया कि प्रतिशत के रूप में अगर देखें तो कोरोना वायरस का राष्ट्रीय प्रसार 6.6 प्रतिशत मिला है, जो कि अपने फर्स्ट फेज से कई गुना ज्यादा है। पहले दौर में जनसंख्या का 0.73 प्रतिशत सार्स-कोव-2(कोविड-19) के संपर्क में पाया गया था। आईसीएमआर द्वारा कहा गया कि बीते दिनों 7.1 प्रतिशत आबादी कोरोना से संक्रमित पाई गई है। जानकारी के अनुसार सीरो-सर्वे के फर्स्ट फेज में कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित 18 से 45 वर्ष के बीच के लोग थे। जबकि इसके बाद 46 से 60 साल के बीच के लोग नोटिस किए गए। इन लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित पाई गई है।
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आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार शहरी स्लम बस्तियों में जोखिम गैर-स्लम क्षेत्रों से दो गुना और ग्रामीण क्षेत्रों से चार गुना अधिक जोखिम था। निष्कर्षों के अनुसार, शहरी स्लम बस्तियों (15.6 प्रतिशत) और गैर-स्लम क्षेत्रों (8.2 प्रतिशत) में ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 प्रतिशत) की तुलना में कोविड -19 संक्रमण का हाई-रिस्क था। हालांकि, दूसरे दौर के सर्वे में प्रति मामले के अनुसार संक्रमण के प्रसार में कमी दर्ज की गई, इसका कारण परीक्षणों को बढ़ाना था।