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AIIMS निदेशक का बड़ा बयान, पांच प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिलों में खोले जाएं स्कूल

एम्स ( AIIMS) के निदेशक डॉक्टर. रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) बहुत अच्छी है व 5 प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिलों में स्कूल (Schools) खोले जाने की योजना बनाई जानी चाहिए।

Jul 20, 2021 / 12:57 pm

Ronak Bhaira

नई दिल्ली। कोरोना की लहर शुरू होने के बाद से हो स्कूल व कॉलेज बंद पड़े हैं। मार्च के अंत में स्कूलों (Schools) व कॉलेजों (Colleges) में ताला लग गया था और बच्चों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई ही की जा रही थी। लेकिन जैसे- जैसे कोरोना (Corona) के मामलों में कमी आ रही है वैसे-वैसे आम गतिविधियां बढ़ रही हैं। इसी बीच एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि स्कूल कब खोले जाएंगे।

इस मामले में अब एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) का एक बड़ा बयान सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा है, ‘स्कूल खोलने का मकसद हमारे बच्चों को सिर्फ सामान्य जीवन देना नहीं है, बल्कि एक बच्चे के समग्र विकास में स्कूली शिक्षा का महत्व बहुत मायने रखता है और अब समय आ गया है कि स्कूलों को फिर से खोला जाए।’

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5 प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिलों में खोले जाएं स्कूल
मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले बच्चों में कोरोना संक्रमण (Corona Spread) की दर बहुत कम है और ऑनलाइन क्लास से ज्यादा बच्चों का स्कूल में जाना जरूरी है।’
डॉ. गुलेरिया ने सरकार को स्कूल खोलने की एक रणनीति बताते हुए कहा, ‘5 प्रतिशत से कम संक्रमण दर वाले जिलों में स्कूलों को खोले जाने की योजना बनाई जा सकती है लेकिन अगर स्कूलों के खुलने की वजह से संक्रमण फैलने लगता है तो स्कूलों को तुरंत प्रभाव से बंद किया जा सकता है।’
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डॉ. गुलेरिया ने आगे कहा, ‘जिलों को वैकल्पिक दिनों में बच्चों को स्कूलों में लाने का विकल्प तलाशना चाहिए और सभी स्कूलों को फिर से खोलने की योजना बनानी चाहिए क्योंकि बच्चे के विकास में स्कूली शिक्षा का महत्व बहुत ज्यादा है।’
बच्चों में अच्छी-खासी है प्रतिरोधक क्षमता: डॉ गुलेरिया

एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) बहुत अधिक है और वो संक्रमित होने के बावजूद भी बहुत जल्दी ठीक हो रहे हैं। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि एम्स की एक स्टडी में यह पता लगा है भारत के 57 प्रतिशत से अधिक बच्चों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पहले से ही है।

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