अनलॉक-5 गाइडलाइंस में शामिल अहम बातें : प्रबंधकों से सलाह जरूरी केंद्र सरकार ने अनलॉक 5.0 में राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को इस बात की छूट दी है कि वो 15 अक्टूबर के बाद कोरोना वायरस प्रसार की स्थिति को देखते हुए शिक्षण संस्थानों को खोलने का निर्णय ले सकते हैं। लेकिन राज्य सरकारों को ऐसा करने से पहले स्कूलों व अन्य शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों सलाह लेनी होगी। साथ ही राज्य सरकारें अनलॉक 5.0 की शर्तों का भी पालन करेंगी।
डिस्टेंस लर्निंग पर जोर ऑनलाइन एजुकेशन या डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगा और इसे लगातार प्रोत्साहित किया जाएगा। जो स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं और उनके छात्र अगर स्कूल आने के बजाय ऑनलाइन पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी।
माता-पिता की सहमति अनिवार्य अनलॉक 5.0 गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अभिभावकों की लिखित में सहमति से ही लागू होगी। इनके लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली SOP के आधार पर स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राज्य व केंद्र शासित प्रदेश अपनी-अपनी SOP तैयार कर सकते हैं।
Sero survey से हुआ बड़ा खुलासा, भारत में कोरोना संक्रमण से हर 10 लाख पर 70 लोगों की मौत इन मामलों में गृह मंत्रालय से सलाह जरूरी उच्च शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय कॉलेज व उच्च शिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय गृह मंत्रालय की सलाह से निर्णय ले सकते हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी ऑनलाइन क्लास और डिस्टेंस लर्निंग को जारी भी रखा जाएगा और उसे बढ़ावा भी दिया जाएगा।
लैब खोलने को मंजूरी अनलॉक 5.0 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के पीएचडी स्टूडेंट्स और साइंस-टेक्नॉलॉजी वाले पोस्ट ग्रेजुएट के स्टूडेंट्स के लिए लैब शुरू करने और प्रैक्टिकल कक्षाएं शुरू करने के काम को भी 15 अक्टूबर से इजाजत दे दी गई है। इन सभी संस्थानों को फिर से खोलने के लिए संबंधित राज्य व केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के निर्णय अनिवार्य तौर पर मानने होंगे।
कोर्ट फैसले के बाद खुश हुए Lal Krishna Advani, घर में ही लगाए ‘जय श्रीराम’ के नारे आंध्र में 2 नवंबर से खुलेंगे स्कूल आंध्र प्रदेश के शिक्षामंत्री आदिमलपु सुरेश ने जानकारी दी है कि अब 5 अक्टूबर की जगह 2 नवंबर से स्कूल खोलने का फैसला लिया गया है। आंध्र प्रदेश पहला राज्य था जिसने सबसे पहले 5 सितंबर को स्कूल खोलने का फैसला किया था, लेकिन कोरोना की रफ्तार को देखते हुए प्रदेश सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा था।