असम की राजधानी गुवाहाटी में बुधवार को एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा कि भारत में 1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिमों की आबादी को बढ़ाया गया है, ताकि भारत को पाकिस्तान बनाया जा सके। लेकिन 1947 में भारत का विभाजन हो गया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, असम और सिंध को भी पाकिस्तान बनाने की पूरी योजना थी, लेकिन यह योजना कामयाब नहीं हो सकी और देश का विभाजन होकर पाकिस्तान बन गया।
जगदगुरु रामभद्राचार्य का बड़ा बयान, कहा— DNA पर RSS प्रमुख मोहन भागवत की बात गलत
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में मोहन भागवत ने CAA-NRC पर लिखी एक किताब का विमोचन करते हुए कई बड़ी बातें कही। उन्होंने कहा कि इससे (CAA-NRC) से देश के मुस्लिमों को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि CAA-NRC को हिंदू-मुस्लिम विभाजन की तरह पेश किया जा रहा है, जो कि एक राजनीतिक साजिश है। ये राजनीतिक फायदा उठाने के लिए किया जा रहा है।
सभी भारतीय का DNA एक: भागवत
आपको बता दें कि बीते दिनों 4 जुलाई को मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा था कि भारत के सभी लोगों का डीएनए एक है। चाहे वह हिन्दू हो या मुस्लमान।
एक किताब के विमोचन के दौरान उन्होंने कहा था कि यदि कोई हिन्दू ये कहता है कि मुस्लिम यहां नहीं रह सकता है तो वह हिन्दू नहीं हो सकता है। वहीं लिंचिंग पर उन्होंने कहा था कि कानून को इसपर अपना काम करना चाहिए.. लेकिन गाय के नाम पर दूसरों को मार रहे हैं वह हिन्दुत्व के खिलाफ है। सभी भारतीयों को DNA एक है चाहे वह किसी भी धर्म के मानने वाले हों।