इस मामले को लेकर सोशल मीडिया ( Social Media ) में वायरल एक वीडियो ( Video viral ) में 6 साल का एक मासूम स्ट्रेचर को धक्का देकर मरीज को ले जाते हुए दिखाई देता है। मासूम जिस स्ट्रेचर को खींच रहा है उस पर उसी के नाना लेटे हुए हैं।
Ambulance operators का मरीजों से लूट, मुंबई में 10-15 KM किमी के वसूले जा रहे हैं 30K रुपए दरअसल, देवरिया के बरहज क्षेत्र के गौरा गांव निवासी छेदी यादव पिछले दिनों मारपीट की एक घटना में घायल हो गए थे। इलाज के लिए छेदी यादव को देवरिया जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड ( Surgical Ward ) में भर्ती कराया गया।
छेदी यादव की बेटी बिन्दू ने बताया कि तीन-चार दिन से वह अपने पिता के साथ जिला अस्पताल में हैं। यहां उन्हें ड्रेसिंग के लिए बीच-बीच में ड्रेसिंग रूम ( Dressing Room ) में ले जाना होता है। बिंदू देवी ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारी हर बार स्ट्रेचर के लिए 30 रुपए की मांग करते हैं। परिवार की स्थिति बार-बार इतने रुपए देने की नहीं थी सो उन्होंने मना कर दिया।
Ladakh : लुकुंग पोस्ट पर 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों से मिले राजनाथ, बहादुरी को किया सलाम इससे नाराज होकर अस्पताल कर्मियों ने छेदी यादव को ड्रेसिंग के लिए ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि 30 रुपए नहीं देने हैं तो मरीज को खुद ही ड्रेसिंग ( Dressing ) रूम ले जाना होगा। तब बिंदू देवी अपने छह साल के बच्चे शिवम यादव की मदद से पिता को ड्रेसिंग रूम तक ले गईं। इसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।
अस्पताल के सीएमएस ने झाड़ा पल्ला 6 साल के मासूम का स्ट्रेचर चलाते वीडियो वायरल ( Video viral ) होने से जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। इस घटना के बाद अफसरों का रुख पल्ला झाड़ने वाला है। पूछे जाने पर सीएमएस डा. छोटेलाल ( CMS Chhotelal ) ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। पता कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने दिए जांच के आदेश इस मामले में देवरिया के डीएम अमित किशोर ( DM Amit Kishore ) ने जांच बिठा दी है। सोशल मीडिया में ऐसा वीडियो वायरल होने के बाद सोमवार को अचानक जिला अस्पताल पहुंचे डीएम ने घायल छेदी यादव और उनकी बेटी बिंदू से मिलकर घटना की पूरी जानकारी ली। डीएम ने पत्रकारों से कहा कि एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक महिला और बच्चे स्ट्रेचर खींचते नज़र आ रहे हैं। इस संबंध में सीएमएस से जानकारी लेने के साथ ही मरीज और उसके परिवारीजनों से बातचीत कर जानकारी ली गई है।
घटना के समय वार्ड में कोई वार्ड ब्वॉय ( Ward boy ) नहीं था। इसी वजह से महिला खुद स्ट्रेचर से मरीज को ले गई। मामले में ड्यूटी पर तैनात वार्ड ब्वॉय को हटाते हुए एसडीएम को जांच ( SDM inquiry ) सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।