इसे लेकर संतों में असंतोष भी उभरा था। बैठक में मंदिर के नक्शे और धन की व्यवस्था और ट्रस्ट के सदस्यों की जिम्मेदारियों का बंटवारा भी किया जा सकता है।
कश्मीरी प्रतिनिधिमंडल को अमित शाह ने दिया बड़ा भरोसा, कहा- ‘आपका पुनर्वास सरकार की सर्वोच्च ट्रस्ट की पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा दान राशि जुटाने की होगी। ताकि अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण हो सके। यही वजह है कि बैठक में मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने की योजना पर प्रमुखता के चर्चा होगी। सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मंदिर निर्माण में शासकीय राशि नहीं लगाई जाएगी।
ट्रस्ट की पहली बैठक से पहले मंदिर के लिए 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि चंदे के रूप में जुटाई जा चुकी है। मंदिर निर्माण के लिए लगने वाले 70 फीसदी पत्थरों को तराशने का काम भी पूरा हो चुका है। फिर भी मंदिर निर्माण को राम भक्तों की आस्था से जोड़ने के लिहाज से आगे की धनराशि जुटाने रणनीति को भी उसी के अनुरूप अंतिम रूप दिया जाना है।
वाराणसी में रिक्शाचालक मंगल केवट से मिले पीएम मोदी, पूछा- आपका क्या हाल है? केंद्र ने घोषित किए हैं 9 सदस्य ट्रस्ट की पहली बैठक दिल्ली में ग्रेटर कैलाश-1 स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में होगी जो रामजन्म भूमि मामले की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले सीनियर एडव्होकेट के. परासरन का कार्यालय है। वह भी केंद्र द्वारा गठित की गई 15 सदस्यीय ट्रस्ट के अहम सदस्य हैं। सरकार ने परासरन समेत 9 सदस्यों के नाम घोषित किए हैं। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक-एक पदाधिकारी होंगे।