भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता के अनुसार वो भी टीका लगवाना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों और जेल में बंद कैदियों को भी टीका लगाया जाना चाहिए। टिकैत अभी गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं।
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राकेश टिकैत का ऐलान, एक दिन के लिए फिर बंद किया जा सकता है नोएडा-चिल्ला बॉर्डर ये नेता कर रहे हैं प्रदर्शन का नेतृत्व तीन नए केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर महीनों से धरना दे रहे हैं। इन किसानों ने प्रमुख रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान यूनियनों के बैनर तले मोर्चा खोल रखा है।
16 जनवरी से शुरू हुआ टीकाकरण अभियान गौरतलब है कि भारत में 16 जनवरी को कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चों पर तैनात लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन दी गई। एक मार्च से टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हुआ। तयशुदा बीमारियों से ग्रस्त 45 से 59 वर्ष के लोगों को वैक्सीन दी गई। वैसे अब अलग-अलग समूहों ने अपने लिए वैक्सीन की मांग की है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है।