प्रस्ताव – अधिनियम को संशोधित करके यह प्रावधानित किया जा सकता है कि राज्य सरकार निजी मंडियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर सके। साथ ही ऐसी मंडियों से राज्य सरकार एपीएमसी मंडियों में लागू सेस/शुल्क की दर तक सेस/शुल्क निर्धारित कर सकेगी।
प्रस्ताव- उठाई गई शंका के समाधान के लिए राज्य सरकारों को इस प्रकार के पंजीकरण के लिए नियम बनाने की शक्ति प्रदान की जा सकती है जिससे स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार राज्य सरकारें किसानों के हित में नियम बना सकें।
प्रस्ताव- शंका के समाधान हेतु विवाद निराकरण की नए कानूनों में प्रावधानित व्यवस्था के अतिरिक्त सिविल न्यायालय में जाने का विकल्प भी दिया जा सकता है।
प्रस्ताव- जब तक राज्य सरकारें रजिस्ट्रीकरण की व्यवस्था नहीं बनाती हैं तब तक सभी लिखित करारों की एक प्रतिलिपि करार पर हस्ताक्षर होने के 30 दिन के भीतर संबंधित एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध कराने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी।
प्रस्ताव- प्रावधान पूर्व से ही स्पष्ट है फिर भी यह स्पष्ट कर दिया जाएगा कि किसान की भूमि पर बनाई जाने वाली संरचना पर खरीददार (स्पांसर) द्वारा किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया जा सकेगा और न ही ऐसी संरचना उसके द्वारा बंधक रखी जा सकेगी।
प्रस्ताव- प्रावधान स्पष्ट है, फिर भी किसी भी प्रकार के स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उसे जारी किया जाएगा। मुद्दा 7- किसान को अपनी उपज समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसी के माध्यम से बेचने का विकल्प समाप्त हो जाएगा और समस्त कृषि उपज का व्यापार निजी हाथों में चला जाएगा।
प्रस्ताव- केंद्र सरकार एमएसपी की खरीदी व्यवस्था के संबंध में लिखित आश्वासन देगी।
प्रस्ताव- किसानों से बिजली वितरण कंपनी द्वारा विद्युत बिल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा। मुद्दा 9- एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आफ एनसीआर ऑर्डिनेंस, 2020 को समाप्त किया जाए।
प्रस्ताव- पराली को जलाने से संबंधित प्रावधान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आफ एनसीआर आर्डिनेंस, 2020 के अंतर्गत किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाएगा।
प्रस्ताव- कानून के वे प्रावधान जिन पर किसानों को आपत्ति है, उन पर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है।