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दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए यादव ने साफ किया कि सिर्फ 5 फीसदी अतिरिक्त ट्रेनों का ही परिचालन प्राइवेट ऑपरेटर्स को दिया जा रहा है बाकी 95 ट्रेनों का परिचालन रेलवे करेगा। उन्होंने कहा, “हम प्रयास कर रहे हैं, रेलवे में भी अत्याधुनिक कोच का इस्तेमाल किया जाय। उन्होंने साफ किया कि रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे की होगी, साथ ही इन प्राइवेट ट्रेनों में ड्राइवर्स और गार्ड रेलवे के होंगे। सिर्फ कोच का ऑपरेशन प्राइवेट ऑपरेटर देखेंगे।”
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यादव ने बताया कि पिछले 70 सालों में रेलवे में ढांचागत विकास पर ध्यान नहीं दिया गया, जितना पिछले 6 सालों में दिया गया है। उनका कहना था, “अभी 13.3 फीसदी रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाता है। हम कोशिश कर रहे है कि सभी लोगों को ट्रेन बर्थ मिले।” उन्होंने बताया कि एक आकलन के मुताबिक 2019 में 8.4 करोड़ यात्रीयों ने ट्रेन द्वारा यात्रा की। 2030 में यह आंकड़ा 13 करोड़ होने की संभावना है जबकि 2040 तक 18 करोड़ लोग ट्रेन के जरिये यात्रा कर लेंगे। ऐसे में रेलवे में ढांचागत विकास और जरूरी इंतजामात करना जरूरी है।
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गौरतलब है कि रेलवे जल्द ही तेजस एक्सप्रेस की तर्ज पर 151 निजी ट्रेनों को चलाने जा रहा है। जिसके लिए कवायद को शुरू हो गया है। रेलवे ने 109 रूट पर चलने वाली इन ट्रेनों के लिए निजी कंपनियों से टेंडर मंगाए हैं। फिलहाल देश में आईआरसीटीसी दो निजी तेजस ट्रेनों का संचालन कर रहा है। रेल मंत्रालय के मुताबिक निजी ट्रेन चलाने से जहां कई लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं यात्रियों को आने-जाने में कम समय लगेगा। इतना ही नहीं यात्रियों को बढ़िया सुरक्षा और विश्व स्तरीय सुविधाएं भी मिलेंगी। ये पहली बार है जब रेलवे ने निजी कंपनियों से भी ट्रेन चलाने के लिए बोली मंगाई हैं। ये ट्रेनें रेलवे के 12 जोन में चलाई जाएंगी।