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रघुराम राजन ने कहा कि आरबीआई कई उभरते मार्केट में यह पॉलिसी अपना रहा है, लेकिन यह हर चीज की कीमत होती है और मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता। सिंगापुर के डीबीएस बैंक द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक सरकार बॉन्ड खरीदकर अपनी ही देनदानी बढ़ा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में आरबीआई बैंकों से रिवर्स रीपो रेट पर लोन लेकर सरकार को उधार बांट रहा है।
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गौरतलब है कि लोगों को लोन देने के लिए बैंकों के पास पर्याप्त धन है। बावजूद इसके रीपो रेट कम कर कर्ज को और भी अधिक सस्ता किया जा रहा है। बावजूद इसके लोग कोई भी जोखिम लेने से घबरा रहा रहे हैं। लोगों के रोजगार जा रहे हैं, जिसकी वजह से उनका फोकस बचत पर है। ऐसी स्थिति में बैंक अपना धन आरबीआई में जमा कर देते हैं, जिस पर उनको ब्याज मिला है। इस ब्याज को ही रिवर्स रीपो रेट कहा जाता है। पूर्व गवर्नर का कहना है कि आरबीआई यह धन अब सरकार को दे रहा है।
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वहीं, हेलिकॉप्टर मनी या फिर नोटों की अतिरिक्त छपाई पर रघुराम राजन ने कहा कि हर चीज की एक सीमा होता है। इस तरह से अतिरिक्त नोटों की सप्लाई की भी एक सीमा है। यह सुविधा केवल एक लिमिटेड टाइम पीरियड के लिए ही होती है। राजन ने कहा कि भारत में अभी नहीं, लेकिन पूरी तरह से लॉकडाउन हटने के बाद इसका असर दिखाई पड़ेगा। इसका सबसे बड़ा नेगेटिव प्रभाव यह होगा कि भविष्य में कर्ज वापस नहीं होंगे। जिसका असर फाइनैंशल सेक्टर पर पड़ेगा।