सीबीआई को राष्ट्रपति की नसीहत
केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा आयोजित जागरुकता सप्ताह के दौरान में राष्ट्रपति ने कहा कि इस सभागार में बैठे अनेक प्रतिनिधि सरकार में, राष्ट्रीयकृत बैंकों, बीमा कंपनियों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों में शीर्ष पदों पर आसीन हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और ईमानदारी के वास्तविक महत्व को समझें। सत्यनिष्ठा के व्यापक अर्थ में कार्य-निष्ठा और संस्थागत अनुशासन भी शामिल हैं। आपका आचरण आपके संगठन के अन्य लोगों को प्रेरणा देता है। आपके कार्य और नैतिक मूल्य, लाखों-करोड़ों नागरिकों के जीवन पर असर डालते हैं। सही मायनों में आप सबकी भूमिका नैतिक प्रतिनिधि की है। राष्ट्रपति की ये नसीहत केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों के बीच मचे घमासान के मद्देनजर महत्त्वपूर्ण है।
नए भारत के लिए खत्म करना होगा भ्रष्टाचार: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने नये भारत के निर्माण के लिए भ्रष्टाचार के समूल नाश को पहली शर्त बताया और कहा कि भ्रष्टाचार उस दीमक की तरह है जो आर्थिक तंत्र को तो खोखला करता ही है, वह सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर भी बुरा प्रभाव डालता है। भ्रष्टाचार का समूल नाश करने के लिए सभी को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी।
सीबीआई के दामन पर घूसखोरी का कलंक
बता दें कि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में इन दिनों घूसखोरी का काला बादल मंडरा रहा है। सीबीआई में शीर्ष दो अधिकारियों ने एक दूसरे पर घूस लेने का आरोप लगाया है। जिसके बाद केंद्र ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों अधिकारियों सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर भेज दिया। दोनों अधिकारियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी