पूरे देश की बात करें तो अब तक 1. 56 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। भारत में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। वहीं टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च को हुई है। दूसरे चरण में 60 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 45 साल से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।
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बता दें कि भारत में कोरोनी टीकाकरण के लिए दो स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। इसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन शामिल है। टीकाकरण की शुरुआते होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम चला कर रहा है। इसमें इस्तेमाल हो रहे दोनों टीकों का उत्पादन स्वदेशी रूप से हो रहा है।
इन दिग्गजों ने लगाया कोरोना टीका
आपको बता दें कि बुधवार को कई दिग्गजों ने कोरोना टीका लगवाया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम के जिला चिकित्सा कार्यालय के एक कोरोना टीकाकरण केंद्र में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली। वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली। इस दौरान दोनों नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में सभी योग्य लोगों से टीका लगवाने की अपील की। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को टीका लगवाया था।
निजी अस्पतालों में लगेगा टीका
कोरोना टीकाकरण को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि देश के तमाम निजी अस्पतालों में भी कोरोना टीका लगाया जा सके। सरकार ने निर्धारित मानदंडों का पालन करने वाले सभी निजी अस्पतालों को भी टीका लगाने की अनुमति दे दी है।
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इस बाबत स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार रात को एक बयान जारी करके इसकी जानकारी दी। बयान में कहा गया कि सभी निजी अस्पतालों को कोरोना टीकाकरण केंद्र के तौर पर काम करने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि ये भी कहा गया है कि यह इजाजत सिर्फ उन निजी अस्पतालों को दी गई है जिनके पास टीका लगाने वाले पर्याप्त कर्मचारी, लाभार्थियों को निगरानी में रखने के लिए समुचित व्यवस्था, कोल्ड चेन, और टीका लगाने के बाद प्रतिकूल प्रभाव वाले लोगों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। मालूम हो कि निजी अस्पतालों में कोरोना टीका लगवाने के लिए 250 रुपये प्रति डोज चुकाने होंगे।