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प्रशान्त किशोर ने NRC की तुलना नोटबंदी से की, बोले- ये होंगे सबसे ज्यादा पीड़ित

प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा है, ‘पूरे देश में एनआरसी लागू करने का विचार नागरिकता के मामले में नोटबंदी के बराबर है। यह तबतक अवैध है जबतक की आप इसे साबित नहीं कर देते।

Dec 15, 2019 / 04:11 pm

Prashant Jha

prashant kishore

नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बार फिर NRC पर बयान दिया है। इस बार उन्होंने NRC की तुलना नोटबंदी से की है। उन्होंने ट्वीट कर एनआरसी का मुद्दा उठाया है। इससे पहले वे नागरिकता संशोधन कानून का लगातार विरोध कर रहे थे। बताते चले कि कल ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद एनआरसी पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी।

NRC पर भाजपा के खिलाफ है जदयू

प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा है, ‘पूरे देश में एनआरसी लागू करने का विचार नागरिकता के मामले में नोटबंदी के बराबर है। यह तबतक अवैध है जबतक की आप इसे साबित नहीं कर देते।’ उन्होंने कहा है, ‘इससे सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब और अंतिम पायदान पर रह रहे लोग होंगे। हम अपने अनुभव से यह जानते हैं।’ बता दें कि नागरकिता संशोधन बिल पर जनता दय यूनाइटेड भले ही भाजपा को समर्थन की हो, लेकिन एनआरसी पर पार्टी भाजपा के साथ नहीं है।

https://twitter.com/hashtag/NotGivingUp?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ हैं प्रशान्त किशोर

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर प्रशान्त किशोर अपनी पार्टी लाइन से हटकर विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर जदयू के कई नेताओं ने उन्हें कम बोलने की हिदायत दी थी। साथ ही इशारों इशारे में पार्टी छोड़ने की भी नसीहत दी गई थी। सूत्रों की मानें तो प्रशान्त किशोर खुद ही पार्टी से अलग होना चाह रहे थे।

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सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद पीके बोले- बयान पर कायम हूं

शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात में उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की। लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बने रहने के संकेत दिए। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद प्रशान्त किशोर ने मीडिया ने कहा कि वह नागरिकता संशोधन वाले बयान पर कायम हैं। पार्टी में हर कोई क्या बोलता है, हम उसका जवाब नहीं देंगे। लेकिन नागरिकता कानून और एनआरसी अगर एक साथ लागू होता है तो यह विनाशकारी होगा।

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