हरसंभव मदद का भरोसा गौरतलब है कि एक मई से पूरे देशभर में 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। मगर कई राज्यों में वैक्सीन की भारी कमी देखी जा रही है। ऐसे में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर पीएम मोदी ने ये फैसला लिया है। मोदी और पुतिन के बीच वार्ता को लेकर बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने रूस में तैयार वैक्सीन का भारत में निर्माण कर इसे दूसरे देशों को निर्यात करने की संभावना पर भी चर्चा की।
तेज होगी टीकाकरण की रफ्तार भारत ने फिलहाल वैक्सीन निर्यात पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। पुतिन ने भारत में स्पुतनिक के इस्तेमाल की अनुमित मिलने पर खुशी जाहिर की है। इससे अगले माह भारत के पास सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के साथ स्पुतनिक की वैक्सीन भी होगी। देश में वैक्सीन देने की रफ्तार तेज हो रही है। साथ ही कुछ मात्रा में अमरीका से भी वैक्सीन आनी शुरू हो जाएगी।
ब्रिक्स बैठक पर चर्चा फोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत में होने वाली शिखर वार्ता और ब्रिक्स बैठक पर चर्चा की। दोनों बैठकों में पुतिन के भारत के दौरे पर आने की आशंका है।
चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप जल्द मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने पीएम मोदी को सूचना दी है कि उन्होंने भारत को आपात सहायता भेजने का फैसला लिया है। रूस से चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप जल्द पहुंचने की उम्मीद है। इस खेप में 22 टन जरूरी उपकरण 20 ऑक्सीजन प्रोडक्शन इकाइयां के साथ 75 लंग वैंटिलेटर और कई मेडिकल उपकरण होंगे।