ऐसा इसलिए कि मोदी ( Modi ) के यह बयान से पूर्व पीएम अटल बिहारी ( Former PM Atal Bihari Vajpayee ) के दोस्त और पड़ोसी वाले बयानों से या तो व्यापक है या फिर विरोधाभासी।
इस बयान के निकाले जाएंगे अलग-अलग मायने यहां पर अहम सवाल यह है कि एक ही विचारधारा के दो अलग-अलग कालों के नेताओं के एक ही विषय पर क्या मंतव्य राष्ट्रीय हितों ( National Interest ) के लिहाज से अलग-अलग हो सकते हैं। अब वैश्विक स्तर पर उनके इस बयान के अब अलग-अलग मायने निकाले जाएंगे। इसी के साथ इस बात की भी चर्चा होगी कि कहीं पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री व अपने वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्त और पड़ोसी की परिभाषा बदलने की कोशिश तो नहीं कर रहे।
लाल किले से PM Modi बोले – LOC से LAC तक हमारे जवान हर मुकाबले के लिए तैयार शांति के साथ सीमा की सुरक्षा पर भी जोर दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा ( Indian Security ) के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने के लिए भी की है। उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता ( Self dependent ) के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है। देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बहुत बड़ी भूमिका है।
भारत असंभव को संभव करने में जुटा उन्होंने कहा कि हिमालय की चोटियां हों या हिंद महासागर के द्वीप, आज देश में रोड और इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है, तेज़ गति से विस्तार हो रहा है। आज भारत ने असाधारण समय में असंभव को संभव किया है। इसी इच्छाशक्ति के साथ प्रत्येक भारतीय को आगे बढ़ रहा है।
पड़ोसी देशों को लेकर पीएम ने की नीति स्पष्ट पीएम के इस बयान पर रक्षा विशेषज्ञ शंकर प्रसाद ने कहा कि पीएम ने पड़ोसी देशों ( Neighboring countries ) को लेकर भी अपनी नीति स्पष्ट कर दी है। जिन देशों से हमारे मत मिलते हैं उनसे अच्छे संबंध रखने में हमें गुरेज नहीं है। जिनसे हमारे सुर नहीं मिलते हैं उनसे दूरी बनाए रखने में भी हमें गुरेज नहीं है। दरअसल, रक्षा क्षेत्र ( Defence Sector ) में भारत की आत्मनिर्भरता को लेकर पीएम ने खासा जोर दिया है।
Independence day 2020 LIVE: पीएम मोदी बोले – हमने चुनौती देने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया लेकिन पीएम ने संतुलित तरीके से चीन और पाकिस्तान को संदेश दे दिया है कि ये दोनों देश चौकन्ने हो जाएं। लद्दाख में हमने करके दिखा दिया है। अगर किसी ने धृष्टता करने की कोशिश की तो भारत और भी ताकतवर तरीके से दुश्मनों का जवाब देगा।
कभी अटल ने कहा था – दोस्त बदल सकते हैं पड़ोसी नहीं बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee ) कभी भी सख्त लहजे में बातें नहीं करते थे। बोलने की सादगी उनकी खासियत थी, लेकिन सही बात कहने से वह कभी नहीं चूकते थे। देश के परमाणु ताकत बनने के बाद उन्होंने पाकिस्तान को समझाते हुए कहा था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।
Mahatma Gandhi : वकील से राष्ट्रपिता बनने तक का सफर, ये है कहानी जो लोग यह सोचते है कि हम कब पाकिस्तान से बात या समझौता करेंगे, तो मैं बस उनको यही कहना चाहूंगा कि पिछले 55 वर्षों से सिर्फ भारत ही पाकिस्तान से बात करने की कोशिश कर रहा है। हमारे पास जो भी परमाणु हथियार है वह किसी परमाणु हमले को खत्म करने के लिए है न कि किसी देश पर छोड़ने के लिए।