लेकिन अचानक उनके दौरे को रद्द कर दिया गया। इसके बाद पीएम मोदी खुद जवानों के बीच पहुंच गए। दरअसल पीएम मोदी की लेह दौरे की सीक्रेट प्लानिंग के पीछे एक शख्स का अहम रोल था। पीएम के दौरे के सारी रणनीति राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ( NSA ) अजीत डोभाल ( Ajit Doval ) ने बनाई।
ऐसे बनी रणनीति
पीएम मोदी के लेह जाने की खुफिया योजना बनाने के लिए एक बार फिर जिम्मा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को सौंपा गया। पीएम मोदी के लेह जाने के फैसले को तब तक सार्वजनिक नहीं किया गया जब तक पीएम मोदी हवाई अड्डे पर नहीं उतर गए।
पीएम मोदी की इस यात्रा की सारी तैयारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख मुकुंद मुकुंद नरवणे ने अंजाम दिया। आइसोलेशन से दो सप्ताह के बाद बाहर आए एनएसए अजित डोभाल इस दौरान दिल्ली में ही थे।
गुरुवार शाम को लिया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख सेक्टर जाने का फैसला गुरुवार शाम को फाइनल किया गया। NSA अजित डोभाल ने इसके लिए CDS बिपिन रावत से चर्चा की थी। आपको बता दें कि पीएम मोदी, अजित डोभाल और तब सेना अध्यक्ष रहे बिपिन रावत ने एक साथ 2017 में डोकलाम तनातनी के दौरान भी चीन का आक्रामकता का सामना किया था और चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया था।
दौरे के दौरान ऐसे मिली हालातों की जानकारी
पीएम मोदी को लेह में नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने निमू आर्मी हेडक्वॉर्टर में हालात की पूरी जानकारी दी।
चीन को सीधा संकेत
पीएम ने निमू में जवानों के साथ मुलाकात की। यह लेह का फॉर्वर्ड इलाका है। करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर पीएम मोदी का इस तरह आकर जवानों से मिलना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि लद्दाख क्षेत्र में पीएम मोदी की मौजूदगी ने चीन को संकेत दिया है कि भारत अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा।
दौरे की सारी तैयारी दिल्ली में बैठे अजीत डोभाल ने सुनिश्चत कर ली। इसको लेकर कुछ गिने चुने लोगों को भी जानकारी थी। लिहाजा गुप-चुप तरीके से पूरा प्लान तैयार हुआ। शुक्रवार सुबह तय समय के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी CDS जनरल विपिन रावत और थलसेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे के साथ अचानक लेह पहुंच गए।
चीन की आक्रामक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ सीमा पर भारत की तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही पीएम मोदी ने भारत के जोशीले सैनिकों में जोश भर दिया।