सबसे पहले मैं आपको नववर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
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उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझे कहे कि इतने कार्यक्रमों के बीच वो कौन सा कार्यक्रम है जो आपके दिल के सबसे करीब है, तो मैं कहूंगा वो कार्यक्रम है परीक्षा पे चर्चा।
युवा मन क्या सोचता है, क्या करना चाहता है, ये सब मैं भली-भांति समझ पाता हूं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए पूर्व क्रिकेटर व स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले, पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ और पूर्व बल्लेबाज वी.वी.एस. लक्ष्मण का उदहारण दिया।
‘प्रेरणा और सकारात्मक सोच की शक्ति’ पर बात करते हुए उन्होंने क्रिकेट के खिलाड़ियों के माध्यम से विद्यर्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ एक क्रिकेट मैच में कुंबले के घायल होने के बाद भी गेंदबाजी करने और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ द्रविड़ और लक्ष्मण की 376 रनों की साझेदारी का जिक्र किया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए।
मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामूहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं।
उन्होंने कहा कि क्या कभी हमने सोचा है कि Mood off क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से।उन्होंने कहा, “इस संबंध में चंद्रयान भेजे जाने के समय मेरी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की यात्रा और वहां हमारे मेहनती वैज्ञानिकों के साथ बिताए समय को मैं कभी नहीं भूल सकता।”
प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान की यथश्री नामक विद्यार्थी द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उसने प्रश्न किया था कि अगर बोर्ड परीक्षा में छात्रों का मूड खराब हो जाए तो क्या करें।
इस प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा, “हम जीवन के हर पहलू में उत्साह जोड़ सकते हैं। एक अस्थायी झटका का मतलब यह नहीं है कि सफलता नहीं आएगी। वास्तव में, एक झटका मिलने से हमारे जीवन में कुछ अच्छा हो सकता है।”