वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा भारत में भी हो रहा हैं। ये बात अलग है कि इस प्रक्रिया में अभी विंड मिल का इस्तेमाल नहीं होता है। इस आइडिया पर काम करने की जरूरत
विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सचिव संदीप वर्मा ने कहा कि हवा से चलने वाली टरबाइन में नमी वाली हवा से पानी प्राप्त करने के लिए सही डिजाइन मौजूद हैं। इस आइडिया पर कई स्थानों पर काम हो रहा है। इस मामाले में हमारे सामने चुनौती इस आइडिया पर काम करने की है।
सीएम Jaganmohan Reddy का दावा, सरकार गिराने की सजिश कर रहे हैं चंद्रबाबू और सुप्रीम कोर्ट के जज विंड टरबाइन स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत वहीं विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव आशुतोष शर्मा ने कहा कि हवा से ऑक्सीजन को अलग करना भी एक वैज्ञानिक और तकनीक है। गैस को अलग करने में लगी कई कंपनियां नियमित रूप से ऐसा करती हैं। उनके मुताबिक इस प्रक्रिया में विंड टरबाइन का इस्तेमाल स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत के रूप में की जा सकती हैं। आशुतोष शर्मा ने का कहना है कि इसके लिए हमें हवा को उच्च दर से गुजारने की जरूरत है। हमें इन प्रक्रियाओं को और अधिक कारगर बनाना होगा।
France Plane Crash : 2 विमानों की टक्कर से 5 लोगों की मौत, हादसे की जांच जारी हैदराबाद की कंपनी ने विकसित की तकनीक हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी ने निजी क्षेत्र की कंपनी मैथरी एक्वाटेक के साथ एक तकनीक विकसित की है। ताकि वायुमंडल से पानी प्राप्त किया जा सके। यह कई स्थानों पर काम रही है। लेकिन इसमें अभी विंड टरबाइन शामिल नहीं हैं।