अब तक 1 लाख किट की तैयार
झारखंड में कोरोना महामारी के जंग में जेएसएलपीएस( (JSLPS) की सखी मंडल की बहनें और आंगनबाड़ी सेविकाएं ग्रामीणों की जीवन रक्षा के कार्य में दिन रात जुटीं हैं। सभी मिलकर ग्राम स्तर पर संक्रमितों की पहचान, दवाई की उपलब्धता, मुख्यमंत्री राहत किट जल्द से जल्द जरुरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचाना है। इसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण से बचाव करना है। अबतक करीब एक लाख किट बनकर तैयार हो चुका है।
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जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है किट
आंगनबाड़ी सेविकाएं गांव में बीमार लोगों के बीच मुख्यमंत्री राहत किट का वितरण कर रही हैं। प्रत्येक आंगनवाड़ी वर्कर को 10-10 किट दिए जा रहे हैं। जिन्हें वे संक्रमित लोगों को उपलब्ध करा रही हैं। राज्यभर में 38 हजार 432 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसके लिए 3 लाख 84 हजार 320 किट वितरण के लिए उपलब्ध कराए जाने हैं। किट निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
युद्ध स्तर पर किट निर्माण कार्य
जेएसएलपीएस की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नैंसी सहाय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस बारे में बात करते हुए नैंसी सहाय ने कहा कि किट निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। आंगनबाड़ी सेविकाएं और जेएसएलपीएस की सखी मंडल की महिलाएं कड़ी मेहनत कर इस आपदा में किट तैयार कर रहीं हैं। हमारा लक्ष्य जल्द से जल्द किट जरुरतमंद ग्रामीणों को उपलब्ध कराना है, ताकि ग्रामीण इलाकों में संक्रमण को रोका जा सके।
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रोजाना 10 हजार किट हो रही है पैक
जेएसएलपीएस संपोषित सखी मंडल के द्वारा इस काम को लंबे समय से किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि करीब 100 महिलाओं ने कई घंटों तक कोरोना किट बनाने का काम किया है। ये महिलाएं रोजाना 10 हजार किट पैक कर रही है। इसके साथ ही लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी किट भी तैयार की जाती हैं।