लगातार स्थगित होती रही सदन की कार्यवाही इससे पहले निलंबित सांसदों और विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही लगातार स्थगित होती रही। पहले सुबह 10 बजे इसके बाद हंगामे के बीच इसे 10.30 तक स्थगित किया गया, उसके बाद 11 बजे तक और उसके बाद 12 बजे तक स्थगित की गई , लेकिन इसके बाद भी निलंबित सांसद सदन से बाहर नहीं गए और हंगामा जारी रहा। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही को 22 सितंबर सुबह 9 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
सांसद वी. मुरलीधरन ने कहा कि निलंबित सदस्यों को सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सदन गैर-सदस्यों की उपस्थिति के साथ काम नहीं कर सकता है। घाटी में 45 नागरिक और 49 सुरक्षाकर्मियों ने गंवाई जान
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा- 5 अगस्त 2019 से 31 अगस्त 2020 तक जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 45 नागरिकों और 49 सुरक्षाकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
इस बीच उपसभापति हरिवंश नारायण ने कहा कि मैं, सभापति की ओर से नामित सदस्यों (निलंबित) से सदन की कार्यवाही में हिस्सा ना लेने का आग्रह करता हूं। सभापति ने कहा कि उच्च सदन में रविवार का दिन बहुत बुरा रहा। इस दौरान सदन का मर्यादा तार-तार हो गई। विपक्ष के की सांसद उपसभापति की चेयर तक पहुंच गए। इतना ही नहीं इस दौरान माइक तोड़े गए और रूल बुक भी फाड़ दी गई। आप सांसद संजय सिंह, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन समेत आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया है। इस फैसले के बाद सदन की कार्यवाही 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
इन सांसदों को किया गया संस्पेंड
उच्चन सदन में हंगामा करने वाले आठ सांसदों को सभापति वेंकैया नायडू ने सस्पेंड कर दिया है। निलंबित किए गए सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलमारन करीम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
आपको बता दें कि विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं आठ सांसदों के खिलाफ कार्रवाई से पहले सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि रविवार का दिन सदन के लिए काफी बुरा था।
विरोध करते हुए कुछ सदस्य सदन के वेल में आए। कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका। माइक तोड़ दिया। रूल बुक को भी फेंका और फाड़ा गया। इतना ही नहीं उपसभापति को धमकी दी गई। उन्हें उनका कर्तव्य निभाने से रोका गया।
वेंकैया नायडू ने कहा कि- यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया कुछ आत्मनिरीक्षण करें। उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नियमों के तहत स्वीकार्य नहीं है।’ विपक्ष का उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था।