बदले राजनयिक हालात के मद्देनजर भारत की कोशिश है कि वहां काम कर रहे भारतीयों के लिए कोई परेशानी खड़ी न हो। पाक स्थित भारतीय उच्चायोग ( Indian High Commission ) के अधिकारियों को आशंका है कि अपने अधिकारियों के पकड़े जाने से बौखलाया पाक अब वहां काम कर रहे भारतीयों को फंसाने के फिराक में है। ऐसे में भारत के उच्चायोग के लिए सामान्य तरीके से काम करना दूभर होता जा रहा है।
पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों पर सर्विलांस के जरिए नजर रखने का काम शुरू कर दिया है। भारत के प्रभारी गौरव अहलूवालिया को भी डराया गया है और उन पर नजर रखी गई है।
भारत में Coronavirus महामारी नवंबर में चरम पर होगी : ICMR सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय राजनयिकों का छिप-छिपकर पीछा किया जा रहा है। इसे लेकर भारत ने पाकिस्तान के पास शिकायत दर्ज कराई है। इन आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि उसका यह व्यवहार विएना कन्वेन्शन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशन्स 1961 और बाइलेटरल 1992 कोड ऑफ कंडक्ट ( Vienna Convention on Diplomatic Relations 1961 and Bilateral 1992 Code of Conduct ) का उल्लंघन है। यह दोनों देशों ने राजनयिकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए साइन किए थे। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि भारतीय उच्चायोग और उसके स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्हें विएना कन्वेन्शन के मुताबिक काम जारी रखने की इजाजत दी जाए।
Nobel Laureate MJ Molina claims – हवा के जरिए तेजी से फैल रहा Coronavirus का खतरा बता दें कि दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमिशन के दो अधिकारियों को 31 मई को जासूसी करते रंगे हांथों पकड़ा गया था। आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन पाकिस्तान हाई कमिशन के वीजा सेक्शन ( Visa Section ) में काम करते थे। दोनों को एक भारतीय से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करते हुए पकड़ा गया था। दोनों दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और जासूसी करते थे, लेकिन फर्जी आईडी बनाकर खुद को भारतीय बताते थे।
जासूसी करते पकड़े गए पाकिस्तान उच्चायोग ( Pakistan High commission ) के स्टाफ सैन्य खुफिया और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में पाकिस्तान उच्चायोग के तीन कर्मचारियों को चोरी के वर्गीकृत दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने की कोशिश करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।