दूसरे चरण की शुरूआत के साथ ही कई नेताओं ने भी कोरोना वैक्सीन लगवाई है।खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज AIIMS जाकर कोरोनावायरस वैक्सीन का पहला शॉट लगवाया। लेकिन दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान नेताओं ने टीका नहीं लगवाने का ऐलान किया है।
किसान नेताओं का कहना है कि उन्हें कोरोना वायरस का डर नहीं है और वे टीका नहीं लगवाएंगे।हालांकि उन्होंने भी कहा कि वो दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों को टीका लगवाने से नहीं रोकेंगे क्योंकि यह व्यक्तिगत विषय है।
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किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बलवीर सिंह राजेवाल (80) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मुझे टीका लगवाने की जरूरत नहीं है। हमने कोरोना को मार दिया है।किसानों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है क्योंकि वे अपने खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं। किसानों को कोरोना वायरस का डर नहीं है।’
बलवीर के अलावा जोगिन्दर सिंह उगराहां और संयुक्त किसान मोर्चा के 70 वर्षीय सदस्य कुलवंत सिंह संधू ने भी टीका नहीं लगवाने का फैसला किया है। संधू ने कहा, ‘दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान धरना दे रहे हैं, लेकिन वहां कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हमे कोरोना वायरस का डर नहीं है।’
टिकरी बॉडर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जोगिन्दर का कहना है कि कोरोना उनकी लड़ाई से भटकाने के लिए काफी नहीं है। किसानों के लिए कोई कोरोना नहीं है। मैं टीका नहीं लगवाऊंगा, लेकिन किसी को रोकूंगा भी नहीं।’
इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसान टीका लगवाने के लिए राजी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन प्रदर्शनकारी किसानों के लिए वैक्सीन का इंतजाम करती है तो किसान और उनके नेता राकेश टिकैत को टीका लगवाने में कोई दिक्कत नहीं है।
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बात दें पिछले तीन महीने से अधिक समय से सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी किसान केंद्र द्वारा लागू किये गये तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।