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NIT छात्राओं ने कहा: कश्मीरी स्टूडेंट्स दे रहे हैं हमें रेप की धमकी

छात्राओं ने आरोप लगाया कि कश्मीरी छात्रों के एक समूह ने उनके कहा था कि एक साथ रेप होगा, तो सब ठंडे पड़ जाओगे

Apr 07, 2016 / 12:48 pm

Rakesh Mishra

Tension at NIT Srinagar

Tension at NIT Srinagar

नई दिल्ली। श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के कैम्पस में तिरंगा फहराने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर विवाद बढ़ गया है। वहीं उत्तर प्रदेश से यहां पढऩे आईं छात्राओं के बयान के मामले को और बढ़ा दिया है। छात्राओं का कहना है कि उनके साथ रेप की धमकी दी जा रही है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि कश्मीरी छात्रों के एक समूह ने उनके कहा था कि एक साथ रेप होगा, तो सब ठंडे पड़ जाओगे।

वहीं कोटा निवासी छात्र मुकेश ने बताया कि हॉस्टल में घुसकर छात्रों को धमकियां दी जा रही हैं। घटना के बाद से यहा हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव हो रहा है। हॉस्टल से निकलते ही बाहरी राज्यों के छात्रों को टार्गेट बनाकर पीटा जा रहा है। साबुन से लेकर बिस्किट तक खत्म हो गया है, लेकिन कोई भी दुकनदार सामान नहीं दे रहा। पीडि़त छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी हालत बयां करनी चाही तो संस्थान ने वाईफाई बंद कर दिया। सेव एनआईटी नाम से पेज बनाया तो उसे बंद करा दिया गया। घायल छात्रों को ढंग से इलाज तक नहीं मिल पा रहा। हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव हो रहा है। वहीं भीलवाड़ा के कुचलवाड़ा कला की उपसरपंच चंद्रकाता वर्मा ने कहा कि बच्चों ने कुछ गलत नहीं किया फिर पुलिस ने उन्हें क्यों मारा। वहीं भाजपा नेता सुशील मोदी ने बिहारी छात्रों की पिटाई मामले को लेकर जम्मू कश्मीर के डिप्टी सीएम डॉ. निर्मल सिंह से बात की है। बिहारी छात्रों की सुरक्षा की बात की है। सिंह ने मोदी को बताया कि कैंपस में सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है।

पीटती है पुलिस, फेल करने की धमकी देते हैं निदेशक
उधर, एचआरडी मिनिस्ट्री की टीम विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिली और उनके साथ बातचीत की। छात्रों ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल कश्मीरी छात्रों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं नाम न छापने की शर्त पर एक छात्र ने बताया कि पुलिस उन्हें पीटती है और निदेशक-रजिस्ट्रार उन्हें फेल करने की धमकी देते हैं। छात्रों ने अपनी सुरक्षा की भी मांग की। मंत्रालय ने इस टीम को हालात का जायजा लेने और एनआईटी में पढ़ाई कर रहे राज्य से बाहर के छात्रों की चिंताओं को देखने के लिए भेजा था। यह टीम परीक्षा होने तक कैंपस में रहेगी। यहां 11 अप्रेल से परीक्षाएं शुरु हो रही हैं।

ये है छात्रों की मांग
एनआईटी के कुछ अधिकारियों का तबादला किया जाए।
देशविरोधी गतिविधियों पर रोक लगे।
मेन गेट पर तिरंगा फहराने की इजाजत मिलनी चाहिए।
कैंपस को जम्मू में शिफ्ट करने और मंदिर बनाने की मांग की है।


जम्मू बंद का आह्वान
श्रीनगर में एनआईटी छात्रों की पिटाई को लेकर अब भी तनाव बना हुआ है। छात्रों ने एनआईटी के डायरेक्टर और रजिस्ट्रार समेत तीन अधिकारियों को हटाने की मांग की है। छात्र आज सुबह भी सड़क पर उतर आए और लाठीचार्ज का विरोध किया। वहीं शिवसेना, पैंथर पार्टी, श्रीराम सेना ने दी बंद का ऐलान किया है। विहिप ने भी कड़ी निंदा करते हुए आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। विहिप का कहना है कि भारत के पक्ष में नारे लगा रहे छात्रों को पुलिस ने घेरकर पीटा है। जेके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी हाईकोर्ट, अधीनस्थ न्यायालय और ट्रिब्यूनल में बुधवार को सेकेंड हाफ और गुरुवार को पूरे दिन काम बंद करने का ऐलान किया।

किसी छात्र के साथ नाइंसफी नहीं होगी: स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी ने कहा कि हालांकि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन फिर भी वह एनआईटी में जो कुछ हुआ है, उसे लेकर चिंतित हैं और इसलिए उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की है, जिन्होंने उन्हें आश्वस्त किया है कि संस्थान के सभी छात्र सुरक्षित रहेंगे और किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एनआईटी के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि स्मृति ईरानी ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री से इस बारे में सारी बातें कर ली हैं और सारे हालात के बारें में उन्हें अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने इस मसले पर उन्हें पूरे समर्थन का आश्वासन दिया है।

केंद्र ने फटकारा

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि छात्रों पर बल प्रयोग नहीं किया जाए और उनकी पढ़ाई पर कोई असर नहीं हो। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार सभी कदम उठा रही है। वहीं कैंपस में तनाव के हालात को देखते हुए सीआरपीएफ तैनात की गई है।

यह है मामला
31 माच…रात करीब दस बजे…टी-20 वल्र्डकप में भारत के हारते ही कैंपस के बाहर से पाकिस्तान के समर्थन और भारत के विरोध में नारेबाजी होने लगी। कुछ देर बाद यह शोर कैंपस के अंदर से आने लगा….। राजस्थान, यूपी और बिहार से आए फस्र्ट ईयर के छात्रों ने जब इसका विरोध किया तो उनके हॉस्टल पर बाहर से पत्थर बाजी होने लगी। फोन करने के बावजूद न पुलिस आई और न ही एनआईटी प्रबंधन ने हमारी सुध ली।, लेकिन कुछ देर बाद कैंपस में जम्मू-कश्मीर के छात्र राजस्थान, यूपी और बिहार के छात्रों से भिड़ गए।

राजस्थान में भी हुआ था हंगामा, 9 छात्र निलंबित
उधर, राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले के मेवाड़ विवि में भी 31 मार्च को हंगामा हुआ था। इस संबंध में विश्वविद्यालय में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के नौ विद्यार्थियों और एक हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार कर लिया गया था। मेवाड़ विश्वविद्यालय के मीडिया अधिकारी हरीश गुरनानी ने बताया कि छात्रों को 25 अप्रैल तक निलंबित कर दिया गया है। आरोपी छात्रों ने भारत-वेस्टइंडीज के बीच क्रिकेट मैच के बाद छात्रावास में उत्पात मचाया और आपस में हुए झगड़े में एक छात्र घायल हो गया। पुलिस ने घटना के संबंध में नौ विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया था।

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