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निर्भया केसः दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, मां बोली 22 को ही हो फांसी

Nirbhaya Case दो दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन पर Supreme Court ने की खारिज, पटियाला हाउस कोर्ट जारी कर चुका है डेथ वारंट, 22 जनवरी को होगी फांसी

Jan 15, 2020 / 09:17 am

धीरज शर्मा

Nirbhaya Case

निर्भया की मां को इंसाफ का इंतजार

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप ( Nirbhaya Case ) और हत्या केस में 14 जनवरी का दिन काफी अहम है। निर्भया के चारों दोषियों में से दो दोषियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में दाखिल की गई क्यूरेटिव पिटिशन ( Curative Petition ) पर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी है।
इससे पहले निर्भया की मां ( Asha Devi ) ने बड़ा बयान दिया है। निर्भया की मां को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को खारिज कर देगा। इतना ही नहीं निर्भया की मां को ये भी उम्मीद है कि निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ 22 जनवरी को ही फांसी दी जाएगी।
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आपको बता दें कि निर्भया की मां ने ये डिमांड भी की है कि जब चारों दोषियों को फांसी दी जाए तो उस वक्त उन्हें मौजूद रहने की इजाजत मिले।
हालांकि अब तक निर्भया की मां को इजाजत नहीं मिली है क्योंकि फिलहाल दो दोषियों की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर दी गई है।

निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को मिली मौत की सजा के खिलाफ दो क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। पांच सदस्यीय बेंच दोषी विनय शर्मा और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करेगी।
इस बेंच में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं।

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यह है क्यूरेटिव पिटिशन
क्यूरेटिव पिटीशन (क्यूरेटिव याचिका) तब दायर किया जाता है जब किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है।
ऐसे में क्यूरेटिव पिटीशन ही उस दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए पहले से तय की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है।

खास बात है कि क्यूरेटिव पिटिशन किसी भी मामले में अभियोग की अंतिम कड़ी होता है। क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई होने के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।

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