इस बीच जो सबसे बड़ी खबर आ रही है वो ये कि निर्भया की मां ( Asha Devi ) ने इच्छा जाहिर की है कि जब चारों दोषियों को फांसी दी जाए तो उस वक्त वो वहां मौजूद रहें।
निर्भया की फांसी में आया नया मोड़, अब 22 जनवरी को नहीं होगी! दोषी विनय ने उठाया बड़ा कदम लिखित दरख्वास्त करेंगीनिर्भया की मां ने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह अपनी आंखों से चारों दोषियों का दम निकलते हुए देखें। इसके लिए वह कोर्ट और जेल प्रशासन से लिखित में गुहार भी लगाएंगी। आशा देवी का कहना है कि वह अपने वकील से मिलकर जल्द ही इसके लिए लिखित में दरख्वास्त देंगी।
निर्भया की मां ने कहा है कि पिछले सात साल से वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए हर चौखट का दरवाज खटखटा चुकी हैं।
मौसम को लेकर आई अब तक की सबसे बड़ी खबर, देश के इन राज्यों में पढ़ने वाली है रिकॉर्डतोड़ सर्दी लंबे संघर्ष के बाद बेटी को इंसाफ मिला है। बस अब उस पल का इंतजार है जब मैं उन दरिंदों का दम निकलते देखूं। सात से से चैन की नींद नहीं सोई
आशा देवी ने बताया कि बेटी के साथ हुई दरिंदगी और उसकी दर्दनाक मौत ने उन्हें कोर्ट- कचहरी सब दिखा दिया। पिछले सात साल में ऐसा कोई भी दिन नहीं होगा जब वह चैन की नींद सोई होंगी।
आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों को तिहाड़ जेल के कसूरी वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। दरअसल फिलहाल दोषियों को पास क्यूरेटिव पिटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प बाकी है। ऐसे में उन्हें हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट किया गया है। जबकि क्यूरेटिव पिटिशन दायर करने वाले विनय कुमार शर्मा को जेल नंबर में ही रखा गया है।