वहीं दोषी पवन ने भी कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की है। इस पिटिशन पर गुरुवार सुबह 10.25 बजे 6 जस्टिस इन चैम्बर करेंगे विचार।
दिल्ली चुनाव के बाद एक बार फिर बीजेपी उठा रही ब़ड़ा कदम, दिग्गज पर गिरेगी गाज कोरोनावायरस को लेकर सरकार ने उठाया अब तक का सबसे ब़ड़ा कदम, मदद ना करने वाले को मिलेगी सजा निर्भया केस के दोषी लगातार फांसी से बचने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इससे पहले दोषियों ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ( ICJ ) का रुख किया तो वहीं मानवाधिकार आयोग भी पहुंचे हालांकि दोषियों को हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। कोर्ट ने इन दोषियों को हर अर्जी को खारिज कर दिया।
इससे पहले पवन गुप्ता ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से क्यूरेटिव पिटिशन दायर की। पवन ने घटना के वक्त नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है।
इस बार पवन की ओर से कहा गया है कि वह घटना के वक्त नाबालिग था, ऐसे में उसकी फांसी की सजा खारिज की जाए।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में उसकी नाबालिग होने की दलील खारिज हो चुकी है।
इस बाबत रिव्यू भी दाखिल की थी जो खारिज हो चुकी है।
सभी चारों मुजरिमों की दया याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं और मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को 20 मार्च को सुबह 6 बजे के करीब फांसी पर लटकाया जाना है।
फांसी से पहले पवन ने ये क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की है। उधर, मामले के एक अन्य दोषी अक्षय ठाकुर ने मंगलवार को दोबारा राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की है।
मंगलवार को अक्षय की ओर से तिहाड़ जेल प्रशासन को दया याचिका सौंपी गई है। राष्ट्रपति एक बार पहले ही अक्षय की दया याचिका खारिज कर चुके हैं।