नए मसौदे ( New Draft ) के मुताबिक पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है। इसमें टीचर्स द्वारा पढ़ाए जाने वाले हिस्से को मार्किंग में शामिल किया गया। जबकि सेल्फ स्टडी ( Self Study ) वाले मैटेरियल का इंटरनल असेसमेंट ( Internal Assesment ) होगा।
Rajya Sabha Live : गुजरात में NCP विधायक ने की कांग्रेस की राह मुश्किल, MP में बसपा और सपा ने दिया झटका इसके पीछे एनसीईआरटी का मकसद सिलेबस कटौती के बिना पढ़ाई का बोझ कम करना है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इसी प्रयास के तहत नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी ( NCERT ) ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें नए एकेडमिक सत्र ( New Academic session ) में पढ़ाई का बोझ कम करने के सुझाव शामिल हैं।
एनसीईआरटी के ड्राफ्ट ( NCERT Draft ) के मुताबिक टीचर्स द्वारा पढ़ाए गए टॉपिक्स का मूल्यांकन बोर्ड एग्जाम के जरिए होगा। जबकि सेल्फ स्टडी का मूल्यांकन इंटरनल असेस्मेंट जरिए होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनसीईआरटी के ड्राफ्ट पर विचार किया जा रहा है। इसमें अभी और भी बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि इन सुझावों को नहीं माना गया है।
दरअसल, चार जून को हुई बैठक में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( CBSE ) ने एनसीईआरटी ( NCERT ) से दसवीं और बारहवीं क्लास के सिलेबस का विश्लेषण करने को कहा था। ये मामला सिर्फ सीबीएसई से सबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी टेक्स्टबुक से जुड़ा है।
Delhi : कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 2877 नए मामले सामने आए, 65 लोगों की मौत मसौदे के मुताबिक एनसीईआरटी सिलेबस में कटौती करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे हायर एजुकेशन में छात्रों को समस्या पेश आ सकती है। इसकी बजाय एनसीईआरटी ने ऐसे टॉपिक्स और थीम की पहचान की है जिनमें से कुछ टीचर्स द्वारा पढ़ाए जाने चाहिए और कुछ छात्रों को सेल्फ स्टडी कर समझने चाहिए।
आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ( MHRD Ramesh Pokhariyal Nishank ) ने सिलेबस में कटौती करने को लेकर सार्वजनिक रूप से लोगों से सुझाव मांगे थे ताकि कोरोना वायरस के चलते पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।