वहीं देशव्यापी जाम के बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री नवोजत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu ) ने ट्वीट किया है। अपने इस ट्वीट के जरिए सिद्धू ने ना सिर्फ किसानों का समर्थन किया बल्कि सरकार पर जमकर निशाना भी साधा।
किसान आंदोलन को लेकर पहली बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार का आया बयान, जानिए मोदी सरकार को दे डाली क्या नसीहत नवजोत सिंह सिद्धू ने किसानों के ‘चक्का जाम’ के बीच ट्वीट किया है। हालांकि उन्होंने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन उन्होंने इस ट्वीट के जरिए एक सीख देने की कोशिश की है। सिद्धू ने अपने चीर परिचित अंदाज यानी शायरना अंदाज में सरकार को सीख देते हुए ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा- गुरूर में इंसान को इंसान नहीं दिखता, जैसे छत पर चढ़ जाओ तो अपना ही मकान नहीं दिखता।
आपको बता दें कि किसान आंदोलन (Kaisan Aandolan) को लेकर सिद्धू, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ बेहद मुखर हैं। वे लगातार मोदी सरकार पर ना सिर्फ चुटीले बल्कि तल्ख अंदाज में हमला बोल रहे हैं।
इससे पहले भी नवजोत सिंह सिद्धू ने शायराना अंदाज में ही सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा था कि- अमीर के घर में बैठा कौआ भी मोर नजर आता है, एक गरीब का बच्चा क्या तुम्हे चोर नजर आता है?’
सिद्धू के इस शायराना अंदाज के भी लोगों ने अपने-अपने हिसाब से कई मतलब निकाले। कुछ लोगों का मानना है कि किसानों को लेकर दिल्ली से लगी सीमा पर पुलिस की नाकेबंदी को लेकर उन्होंने तंज कसा।
आपको बता दें कि इससे पहले कृषि कानूनों को लेकर किसानों की शंकाओं-आपत्तियों पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जब उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला किया था तब भी कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया दी थी।
करीब डेढ़ साल बाद यहां बहाल हुई 4जी इंटरनेट सेवा, लेकिन इन को अब भी यूजर्स को झेलना पड़ेगी ये परेशानी तब उन्होंने लिखा था-
‘लोकतंत्र में कानून, जनप्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं न कि माननीय कोर्ट या कमेटियों के द्वारा…कोई भी मध्यस्थता, बहस या चर्चा किसानों और संसद के बीच ही होनी चाहिए।’ आपको बता दें कि कृषि कानून के विरोध में किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के बाद ‘चक्का जाम’ का फैसला लिया है। 12 से 3 बजे तक देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम किया जाएगा। हालांकि इसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली शामिल नहीं है।
फिर भी पुलिस और प्रशासन ने 26 जनवरी को हुई लाल किले की घटना को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 50 हजार से ज्यादा पुलिस बल राजधानी और आस-पास के इलाकों पर तैनात किया गया है।