राज्यसभा में डॉ. हर्ष वर्धन का खुलासा, अगले साल की शुरुआत में आएगी COVID-19 Vaccine
संसद में जारी मानसून सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में हुई कोरोना पर चर्चा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सदन को बताया कि 2021 की शुरुआत में आएगी वैक्सीन ( covid-19 vaccine )।
भारत में फिलहाल तीन कंपनियां लगी हुई हैं कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास में।
MoHFW Dr. Harsh Vardhan informs in Rajya Sabha: COVID-19 Vaccine to be available by start of 2021
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने राज्य सभा में गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन ( covid-19 vaccine ) अगले साल की शुरूआत तक भारत में उपलब्ध हो जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब देश में कोरोना वायरस के कुल केस की संख्या 50 लाख से ऊपर जा चुकी है और लोगों को बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार है।
बर्थडे के दिन पीएम मोदी को बड़ा झटका, मोदी कैबिनेट की मंत्री हरसिमरत कौर ने दिया इस्तीफा और कहा.. केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ने राज्यसभा को बताया, “दुनिया के अन्य मुल्कों की ही तरह भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए कोशिशों में जुटा हुआ है। देश में फिलहाल 3 वैक्सीन कैंडिडेट्स का परीक्षण अलग-अलग चरणों में जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विशेषज्ञों का एक समूह इस पर निगरानी कर रहा है। हमें उम्मीद है कि अगले साल यानी 2021 की शुरूआत तक भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी।”
ICMR ने दी भारत में तैयार होने वाली COVID-19 Vaccine की लेटेस्ट जानकारी, तीन वैक्सीन पहुंची इस फेज में अपने ट्विटर पर डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा, “आज राज्यसभा में कोरोना पर चर्चा का जवाब देते हुए मैंने सदन को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश मिलकर कोरोना की लड़ाई को लड़ रहा है। इससे पहले मैंने कोरोना की लड़ाई में जान गंवाने वाले #CoronaWarriors और उनकी माताओं को नमन किया। मैंने सदन को बताया कि पीएम मोदी के आह्वान पर स्वयं लागू किए गए जनता कर्फ़्यू की शुरुआत व लॉकडाउन का साहसपूर्ण निर्णय COVID-19 के प्रबंधन में सामूहिक शक्ति और कोविड के आक्रामक प्रसार को सफ़लतापूर्वक कम करने का प्रमाण है।”
बता दें कि जायडस कैडिला और भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वायरस की दो वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण पूरा कर चुकी हैं। जबकि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा मंजूरी मिलने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने फिर से कोरोना वायरस की एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ट द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाने वाली वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका फार्मा द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए जा रहे कोविशिल्ड वैक्सीन कैंडीडेट के निर्माण में भारत भागीदार है। पुणे की फर्म एसआईआई द्वारा देश में 17 टेस्टिंग साइट्स पर इसका क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है।
जानिए कब से शुरू होंगी पहले जैसी विमान सेवाएं, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी जानकारी वहीं, रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड द्वारा भी भारत में स्पुतनिक-5 वैक्सीन के वितरण पर सहयोग करने पर सहमति जताई जा चुकी है। स्पुतनिक को रूस के गेमेल्या साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआईएफ द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। बीते 11 अगस्त को इस वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन किया गया था। आरडीआईएफ द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, “आरडीआईएफ डॉ. रेड्डीज को कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक-5 की 100 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा।”