कोरोना काल में दिवाली के दौरान बाजार में आई इम्यूनिटी बूस्टर मिठाई, स्वाद के साथ सेहत के लिए भी मजेदार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को लिखे पत्र में एक विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शहर को 20,604 बिस्तरों की आवश्यकता होगी, जिससे स्थिति से निपटने के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य के अस्पतालों को भी क्षमता बढ़ानी पड़े।
केजरीवाल ने लिखा, “सशक्त समूह-1 की सितंबर-नवंबर 2020 तक की रिपोर्ट-III के मुताबिक, दिल्ली में सबसे खराब स्थिति का अनुमान है कि नवंबर के अंत/दिसंबर की शुरुआत तक रोजाना लगभग 11,909 मामले सामने आएंगे, जिसके लिए 20,604 कोविड बेड तैयार रखने की आवश्यकता होती है।”
कोरोना वैक्सीन देश में सबसे पहले इन्हें मुफ्त में लगाई जाएगी, सरकार ने बनाई 30 करोड़ लोगों की लिस्ट मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में कोविड रोगियों के लिए बेड की कुल क्षमता 15,713 है। इस आंकड़े में केंद्र सरकार के अस्पतालों के आईसीयू और गैर-आईसीयू बेड भी शामिल हैं, जिनसे क्रमशः जून और सितंबर 2020 के महीनों के दौरान पहली और दूसरी लहर से निपटने में बहुत मिली थी।
अक्टूबर में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) समिति ने चेतावनी दी थी कि प्रदूषण, त्योहारों और शादियों के कारण सर्दियों के दौरान प्रति दिन 15,000 मामलों को संभालने के लिए दिल्ली को तैयार रहने की आवश्यकता है। सीएम के पत्र में एनसीडीसी टिप्पणियों का भी उल्लेख है।
COVID-19 Vaccine बनने में अब बस चंद कदम बाकी, ट्रायल के तीसरे चरण के नतीजे जानकर होगी हैरानी सशक्त समूह-1 की रिपोर्ट-III के प्रोजेक्शन के मुताबिक लगभग 4,900 बेड की कमी को निजी क्षेत्र की क्षमताओं का लाभ उठाने के अलावा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अस्पतालों दोनों में बढ़ोतरी से पूरा करना होगा।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा था कि दिल्ली के विभिन्न केंद्रीय सरकारी अस्पतालों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह देखा गया है कि लगभग 1,092 बिस्तरों की क्षमता वृद्धि का प्रस्ताव केंद्र सरकार के अस्पतालों द्वारा किया गया है।