सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ( Video Conferencing ) के जरिए सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण की वैधता के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने मामले की सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाते हुए 1 सितंबर को फैसले की तारीख तय की।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने कहा कि तब तक राज्य सरकार कोई नई भर्ती नहीं करे। इस पर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि कोरोना महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के चलते राज्य सरकार ने पहले ही 15 सितंबर तक नई भर्तियां न करने का फैसला किया था।
Ladakh : सेना ने बेस कैंप और कुमार पोस्ट खोल लिया बड़ा फैसला, चीन को दिया साफ संकेत इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा कि 25 अगस्त की सुनवाई में इस बात का परीक्षण किया जाएगा कि यह मामला संविधान पीठ के पास भेजा जाए या नहीं।
आपको बता दें कि 30 नवंबर, 2018 को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य विधानसभा में मराठा आरक्षण बिल ( Maratha Reservation Bill ) पास किया था। इसके तहत मराठाओं को राज्य की सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थाओं में 16 फीसदी आरक्षण तय किया था।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) में याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया था। हाईकोर्ट ने आरक्षण की सीमा 16 फीसदी से घटाकर 12-13 फीसदी कर दी थी।
Coronavirus : दिल्ली में कारगर पहल के बाद जुलाई में 44% तक मौत में आई कमी, जानिए 5 बड़ी वजह इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पीड़ित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटने से इनकार कर दिया था।