इमरजेंसी सुविधा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने दूरदराज के इलाकों में आपात स्थिति में जरूरतमंद मरीजों की सहायता के लिए राजभवन के हेलीकॉप्टर के निशुल्क उपयोग को मंजूरी दी है। इसकी मंजूरी बैक टू विलेज योजना ( Back to village scheme ) के तहत ग्रामीणों की ओर से मिले फीडबैक के आधार पर आपात चिकित्सा सुविधा के के लिए दी गई है।
राजभवन ( Raj Bhawan ) से जारी आदेश में कहा गया है कि सर्दियों में रास्ते बंद हो जाने और दुर्गम इलाकों से ऐसे रोगियों को जिला मुख्यालय तक पहुंचाना मुश्किल होने की वजह से यह आदेश अधिकारियों को दिया गया है।
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मंदों राजभवन के इस फैसले के बाद हेलीकॉप्टर बेल 407 प्रदेश में दुर्गम क्षेत्रों में आपात स्थिति में मरीजों को लिफ्ट करने के लिए उपयोग में लाया जाएगा। लेकिन ये सुविधा उन्हीं मरीजों के लिए होगा जो चॉपर सेवा के लिए खर्च नहीं उठा सकते हैं।
डीसी और सीएमओ देंगे इजाजत
हेलीकॉप्टर के जरिए आपात चिकित्सा सुविधा का प्रभावी और कुशलतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए संबंधित उपायुक्त और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एक प्रमाण पत्र मिलने के बाद लाभ उठाया जा सकेगा। यह प्रमाण पत्र स्थिति की गंभीरता, रोगी की आय और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जारी किया जा सकेगा। यह रियायती सुविधा पहले से ही मंडलायुक्तों के पास उपलब्ध है।
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बता दें कि इससे पहले 9 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल शोपियां एनकाउंटर में मारे गए युवकों के परिवारवालों से मुलाकात करने के लिए राजौरी गए थे। पहाड़ी रास्ता होने के चलते गांव तक गाड़ी नहीं जा सकती थी, जिसके बाद एलजी मनोज सिन्हा ने 4 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया और गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों को इंसाफ का भरोसा दिलाया।