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कर्नाटक: आचार संहिता की वजह से राज्य में आने से रोकी गई हनुमान जी की मूर्ति

15 घंटे तक मूर्ति को राज्य की सीमा के बाहर ही रोके रखा गया। बाद में चुनाव आयोग के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मूर्ति को राज्य में लाने दिया गया।

Apr 04, 2018 / 03:57 pm

Kapil Tiwari

Poll code scare karnataka

Karnataka HAnuman

नई दिल्ली। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका जा चुका है। 12 मई को राज्य में वोटिंग होगी और 15 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्य में आचार संहिता उसी दिन से लागू हो गई थी, जब चुनाव आयोग ने चुनावी तारीखों का ऐलान किया था। कर्नाटक में आचार संहिता के चलते भगवान हनुमान जी की एक मूर्ति को 15 घंटे तक एक जगह पर ही रखा गया।
आचार संहिता की वजह से 15 घंटे तक मूर्ति को नहीं आने दिया प्रदेश में
दरअसल, मामला बेंगलुरु का है, जहां हनुमान जी की एक मूर्ति को आचार संहिता की वजह से 15 घंटे तक सड़क के बीच में ही रोके रखा। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक पुलिस ने हनुमान जी की मूर्ति को राज्य में आचार संहिता लागू होने की वजह से प्रदेश की सीमा में नहीं घुसने दिया। पुलिसवालों ने मूर्ति को रास्ते में रोके रखा। कई घंटों के बाद जाकर जब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया तो तब जाकर ये मामले सुलझा और मूर्ति को प्रदेश में दाखिल किया गया।
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क्या था मामला
हनुमान जी की 62 फुट लंबी और 750 टन वजनी प्रतिमा बनवाने वाली श्री राम चैतन्य वर्धिनी ट्रस्ट के ट्रस्टी मुनीराजू के अनुसार आधी बनी मूर्ति पूर्वी बेंगलुरु के कोलार से कचाराकनाहल्ली की तरफ जा रही थी। इसी दौरान सोमवार की रात में प्रतिमा को पुलिस ने एनएच-48 के पास रोक लिया। पुलिस ने प्रदेश में जारी चुनावी आचार संहिता का हवाला देते हुए प्रतिमा को रास्ते में ही रोक लिया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मूर्ति को राज्य की सीमा में दाखिल करने की इजाजत मंदिर ट्रस्ट की तरफ से ले ली गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिसवालों ने मूर्ति को नहीं जाने दिया। तमाम कोशिशों के बाद अंत में चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद इस मूर्ति को मंगलवार की दोपहर में जाने दिया गया।
मंदिर के ट्रस्ट ने कैबिनेट मंत्री पर साधा निशाना

इस पूरे मामले पर ट्रस्टी मुनीराजू ने कैबिनेट मंत्री के जी जॉर्ज पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मूर्ति सर्वग्ननगर में स्थापित की जानी है, जो कि जॉर्ज का विधानसभा क्षेत्र है। ट्रस्टी के अनुसार मंत्री ने जानबूझकर आचार संहिता का हवाला देते हुए हनुमान मूर्ति को रास्ते में रुकवा लिया। हालांकि मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया है।
62 फुट की यह मूर्ति हसन जिले के श्रवणबेलगोला में स्थापित गोमतेश्वर की प्रतिमा (57 फीट) से बड़ी है और दुनिया में हनुमान की सबसे ऊंची प्रतिमा हो जाएगी।

मूर्ति रोके जाने की वजह से लोगों में भारी गुस्सा
हनुमान जी की मूर्ति को राज्य में आने से रोके जाने पर लोगों का गुस्सा उफान पर पहुंच गया। नाराज लोगों ने नैशनल हाइवे पर कई घंटो तक जाम की स्थिति बनी रही। हालांकि बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस अधिकारी के अनुसार यह मामला उनके न्यायक्षेत्र से बाहर का था।

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